बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का MSMEs ने किया जबरदस्त विरोध, उत्पादन पर पड़ सकता है असर


मध्य प्रदेश में बिजली की दरों में इजाफा होने से परेशान छोटे कारोबारियों की समस्याओं को बताते हुए, मध्य प्रदेश उद्योग संगठन ने कहा है कि बिजली की दरों में वृद्धि होने से छोटे उद्योगों की प्रतियोगी क्षमता में कमी आयेगी व प्रोडक्ट की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी। क्षेत्र के उद्यमियों ने साल 2017-18 के […]


Electricityमध्य प्रदेश में बिजली की दरों में इजाफा होने से परेशान छोटे कारोबारियों की समस्याओं को बताते हुए, मध्य प्रदेश उद्योग संगठन ने कहा है कि बिजली की दरों में वृद्धि होने से छोटे उद्योगों की प्रतियोगी क्षमता में कमी आयेगी व प्रोडक्ट की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी।

क्षेत्र के उद्यमियों ने साल 2017-18 के लिए बिजली टैरिफ में की गयी वृद्धि का विरोध किया है। और मध्य प्रदेश इलेक्ट्रीसिटी रेगूलेटरी कमीशन के सामने अपना विरोध दर्ज कराया है।

एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश (AIMP) ने बिजली में प्रस्तावित वृद्धि के विरोध में एक समिति का गठन किया है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष ओपी धूत ने कहा है कि इलेक्ट्रीसिटी टेरिफ के बढ़ने से एमएसमई सेक्टर बुरी तरह प्रभावित होगा।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बिजली दरें पहले से ही महंगी हैं जिसमें और बढोत्तरी एमएसएमई सेक्टर के लिए नुकसानदेय होगी। गौरतलब है की नोटबंदी की वजह से एमएसएमई सेक्टर पहले से ही कई दिक्कतों का सामना कर रहा है।

मध्य प्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली टैरिफ में विभिन्न क्षेत्रों के लिए 10 से 33 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है।

उद्योगपतियों ने कहा कि बिजली की दरों में बढ़ोतरी से उत्पादन लागत में वृद्धि होगी। जिससे इस क्षेत्र में परेशानियों का सामना कर रही एसएमई को नुकसान होगा। AIMP द्वारा तैयार की समिति वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी और आने वाले हफ्तों में विभाग के समक्ष अपनी आपत्तियों को दर्ज कराएगी।

पीथमपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने भी औद्योगिक केंद्र विकास निगम (AKVN) द्वारा स्पेशल इकनॅामिक जोन में स्थापित इंडस्ट्रीस के लिए बिजली दरों में 33 फीसदी की वृद्धि का विरोध किया है। उद्योग संघ ने दावा किया है कि टैरिफ में वृद्धि से प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में कमी आयेगी व निर्यात प्रभावित होगा।

पीथमपुर उद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने कहा है कि सेज में स्थापित उद्योग को स्थानीय करों की तरह संपत्ति कर का भुगतान करना पड़ता है। टैरिफ में वृद्धि दर के कारण उद्योगों का निर्यात और संचालन कम हो जाएगा।

Shriddha Chaturvedi

ख़बरें ही मेरी दुनिया हैं, हाँ मैं पत्रकार हूँ

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