कारोबारी सहूलियतें बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने कई सुधारों को लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत राज्य सरकार निवेशकों को लुभाने और मंजूरियों को आसान बनाने के लिए नए कदमों को उठाएगी। इसके तहत बिहार में अगले 2-3 महीनों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी महज 30 दिनों के भीतर मिल सकेगी।
सुधारों की इस कड़ी में राज्य सरकार ने इस साल के अंत तक एक अत्याधुनिक एकल खिड़की व्यवस्था को लागू करने का भी फैसला लिया है।
राज्य सरकार के मुताबिक इससे राज्य में लालफीताशाही को कम करने में मदद मिलेगी।
पटना में 6 जून को निवेशकों और उद्यमियों के साथ एक कार्यशाला में राज्य के विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा ने कहा, “राज्य में कारोबारी सहूलतें बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। इस दिशा में हम काफी काम कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि हम वणिज्य मंत्रालय के कारोबारी सहूलियतों से जुड़ी रैंकिंग में पहले नंबर पर भी रहे हैं।
हम अपनी उस जगह को फिर से हासिल करना चाहते हैं। इसलिए हम व्यवस्था में बदलाव कर लालफीताशाही को कम से कम करना चाहते हैं।
हमने अग्निशमन विभाग, फैक्टरी इंस्पेक्टर समेत कई विभागों से मंजूरियों के लिए 30 दिनों की एक निश्चित समय-सीमा भी तय कर दी है। हम इस समय-सीमा को दूसरे विभागों पर भी लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।”
दूसरी तरफ, उद्योग विभाग ने एक अत्याधुनिक एकल खिड़की व्यवस्था को लागू करने का भी फैसला लिया है।
विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ के मुताबिक अगले छह महीनों में यह व्यवस्था काम करने लगेगी। उन्होंने कहा, ‘हम बीते साल सितंबर में नई औद्योगिक नीति को लेकर आए थे। अब तक इस नीति के तहत राज्य में 400 से ज्यादा निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं, जिसमें से 254 को स्वीकार भी किया जा चुका है।
Source: Business Standard