गैर-सूचीबद्ध भारतीय इंटरनेट कंपनियों ने साल 2017 की पहली तिमाही के दौरान निजी वित्त पोषण के जरिए करीब 2 अरब डॉलर की राशि जुटाई है। जबकि साल 2016 में इन्होंने 2.7 अरब डॉलर की राशि जुटाई थी। यह जानकारी बुधवार को एक एनॉलिस्ट फर्म ने दी है।
निवेश बैंकिंग फर्म जेफरीज ने यह भी कहा कि नोटबंदी के बाद फिन-टैक कंपनियों की फंडिंग में प्रत्यक्ष वृद्धि हुई है। जेफरीज ने अपनी रिसर्च नोट में कहा, “हमारा अनुमान है कि साल 2016 में कमजोर निवेश के उलट साल 2017 की पहली तिमाही के दौरान भारत की गैर-सूचीबद्ध इंटरनेट कंपनियों में 2 अरब डॉलर का निजी निवेश हुआ है।”
इसमें कहा गया, “साल 2016 के दौरान भारत की इंटरनेट कंपनियों ने 2.7 अरब डॉलर की रकम जुटाई थी। साल 2017 की पहली तिमाही के दौरान फंडिंग गतिविधि में तेजी देखी गई है, इस तिमाही के दौरान इन कंनपियों की ओर से 2 अरब डॉलर की राशि जुटाई गई। यह साल 2015 की तीसरी तिमाही के बाद अब तक का दूसरा सबसे उच्चतम स्तर है।”
इस रिपोर्ट के मुताबिक फ्लिपकार्ट और ओला दोनों ने पिछले राउंड से कम मूल्यांकन के आधार पर पैसा कमाया था, जो उन्हें बड़े दौर की तरफ बढ़ने में मदद करता है।