वर्ल्ड बैंक, फेस बुक और ओईसीड़ी द्वारा जारी की गयी एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के छोटे उद्योग, व्यापार और रोजगार के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और वो भविष्य में भी इस सकारात्मक द्रष्टिकोण (पॉजिटिव आउटलुक) को बरकरार रखेगें।
इस व्यापारिक सर्वे की गणना के अनुसार लगभग 48 प्रतिशत सूक्ष्म और लघु उद्योग वर्तमान समय की स्थिति को लेकर सकारात्मक हैं तो वहीँ भविष्य को लेकर 62 फीसदी एसएमई सकारात्मक द्रष्टिकोण रखती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार लगभग 28 फीसदी एसएमई ने पिछले 6 महीनों में अपने कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी की है और लगभग 56 फीसदी एसएमई का मानना है की आने वाले 6 महीनों में वो कर्मचारियों की संख्या बढ़ायेंगी।
इस अध्ययन का उद्देश्य एसएमई के सामने आ रही चुनोंतियां व गतिविधियों का पता लगाना था। सर्वे में ग्राहकों को आकर्षित करना, लाभप्रदता को बनाए रखने और राजस्व में वृद्धि एसएमई के सामने सबसे बड़ी चुनौतियाँ बताई गई है।
छोटे उद्योग, डिजिटल इंडिया का भी भरपूर फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
रिपोर्ट में पाया गया कि व्यापार में जो एसएमई जितनी सशक्त है, वो उतनी ही ऑनलाइन टूल का उपयोग करती है।
आनलाईन टूल का सामान्य उपयोग 61 फीसदी इकाइयों द्वारा अपने प्रोडक्टस और सर्विसेज को दिखाने के लिए किया जा रहा है। जबकि 60 फीसदी यूनिट्स नए कस्टमर्स का विज्ञापन करने में ऑनलाइन टूल का उपयोग करती हैं। वहीँ ग्राहकों और सप्लायर्स के साथ कम्यूनिकेट (बातचीत) करने के लिए लगभग 55 फीसदी यूनिट्स ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल कर रही हैं।
फेसबुक इंडिया के लिए दक्षिण एशिया के सार्वजनिक नीति के निर्देशक Ankhi Das ने कहा कि सर्वे में छोटे उद्योगों का सकारात्मक द्रष्टिकोण और आत्मविश्वास यह दिखता है कि एसएमई इकाइयाँ डिजिटल अवसरों का भरपूर फायदा उठा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम एसएमई के आर्थिक विकास में बढ़ावा देने के लिए सहायता करेंगे।
भारत में छोटे उद्योगों में काम करने वाले लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है। जबकि छोटे उद्योगों का भारत के मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में 45 फीसदी योगदान है तो वहीँ भारत की जीडीपी (GDP) में छोटे उद्योगों का योगदान 8 फीसदी है।