मुश्किल में फंसीं स्टार्टअप्स कम्पनियां, सैकड़ों एंप्लॉयीज की छंटनी के आसार


इंडियन स्टार्टअप सेक्टर को और जॉब लॉस का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि करीब आधा दर्जन मझोले आकार की कंपनियों ने कॉस्ट घटाने और कैश बचाए रखने की कवायद के तहत सैकड़ों एंप्लॉयीज को छंटनी के नोटिस जारी किए हैं। कंपनियों को आने वाले दिनों में और मुश्किल हालात का सामना करना पड़ सकता […]


startupइंडियन स्टार्टअप सेक्टर को और जॉब लॉस का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि करीब आधा दर्जन मझोले आकार की कंपनियों ने कॉस्ट घटाने और कैश बचाए रखने की कवायद के तहत सैकड़ों एंप्लॉयीज को छंटनी के नोटिस जारी किए हैं।

कंपनियों को आने वाले दिनों में और मुश्किल हालात का सामना करना पड़ सकता है और इसलिए वे अपने पास कैश बचा रही हैं।

कई एंप्लॉयीज और इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत की तीसरी बड़ी ऑनलाइन मार्केटप्लेस स्नैपडील के संकट की तरफ सबका ध्यान गया है। वहीं, क्राफ्ट्सविला जैसी एथनिक ऑनलाइन रिटेलर, फैशन पोर्टल येपमी और टोलेक्सो उन स्टार्टअप्स में शामिल हैं, जिन्होंने हालिया हफ्तों में अपने एंप्लॉयीज को पिंक स्लिप थमायी है।

एक पूर्व सीनियर एग्जिक्युटिव ने बताया, “हालिया हफ्तों में क्राफ्ट्सविला ने 100 से ज्यादा एंप्लॉयीज की छंटनी की है, जिसमें इसकी पूरी प्रॉडक्ट और टेक्नॉलजी टीम और ज्यादातर ऑपरेशंज, मार्केटिंग टीम है।”

सूत्रों के अनुसार कुछ सीनियर एंप्लॉयीज ने आने वाले संकट को भांपते हुए कुछ महीने पहले ही कंपनी से इस्तीफा दे दिया था।

इंडस्ट्री इनसाइडर्स जहां छंटनी के लिए फंडिंग के मुश्किल भरे माहौल को दोषी ठहरा रहे हैं। वहीं, दूसरे लोगों का दावा है कि फाउंडर्स और टॉप मैनेजमेंट की तरफ से लिए गए गलत फैसले मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।

डेटा एग्रीगेटर वेंचर इंटेलिजंस के मुताबिक स्टार्टअप्स इन्वेस्टमेंट 28 फीसदी घटकर 1.4 अरब डॉलर रहा गया है जो कि 2015 में 2 अरब डॉलर था। 2016 की शुरुआत में जब फंडिंग में सुस्ती आई तो स्टार्टअप्स ने मार्केटिंग और ऐडवर्टाइजमेंट्स जैसी वेरिबल कॉस्ट में कटौती शुरू की थी। लेकिन, अब स्टार्टअप्स एंप्लॉयीज कॉस्ट घटाने पर विचार कर रही हैं जो कि किसी स्टार्टअप की सबसे बड़ी फिक्स्ड कॉस्ट होती है।

रिसर्च फर्म Xeler8 के मुताबिक, 2016 में कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों, फूड टेक और लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप्स ने 9,000 से ज्यादा एंप्लॉयीज की छंटनी की।

कंसल्टेंसी वजीर एडवायजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर हरमिंदर साहनी का कहना है, “2017 के पूरे साल में और छंटनी होगी। लेऑफ की शुरुआत हुई है और ज्यादातर कन्ज्यूमर इंटरनेट कंपनियों को इससे गुजरना होगा।”

होमस्टे स्टार्टअप स्टेजिला के एंप्लॉयीज जनवरी में इस बात को जान गए थे कि सारी चीजें सही नहीं चल रही हैं, क्योंकि कंपनी 2 करोड़ डॉलर का फ्रेश राउंड जुटाने में नाकाम रही थी।

10 साल पुराने स्टार्टअप ने पिछले हफ्ते घोषणा की कि वह अपना बिज़नस बंद कर रही है और उसने अपनी 210 लोगों की टीम की छंटनी कर दी।

(By: सुप्रजा श्रीनिवासन/बिस्वरूप गोप्तू/मुग्धा वारियार)

Source: The Economic Times

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