केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रद्यौगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने समाज के सभी वर्गो से आग्रह किया है कि वे डिजिटल लेन-देन को अपने जीवन में अपनाएं और इसे एक आन्दोलन का रूप दें।
वे स्व संगठित लघु एवं मंझोले बिजनेस (SMEs) को इसमें शामिल करने और डिजिटल भुगतान पहल पर लघु एवं मंझोले व्यापारियों के प्रशिक्षण के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
यह परियोजना केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रद्यौगिकी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रद्यौगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) को सौंपी गई है।
उन्होंने कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता को शामिल करने का उद्देश्य सिस्टम में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार की लहर को समाज के सभी वर्गों के बीच भागीदारी का विकास कर कम करना है।
इसके अलावा मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को डिजिटलीकरण के क्षेत्र में एक अग्रणी देश बनने का संकल्प लिया है जो विकासशील देशों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने का काम मंत्रालय का है।
इस तरह के प्रशिक्षण का उद्देश्य यूपीआई, यूएसएसडी, बीबीपीएस और एईपीएस आदि को समझना, अपनाना और इन्हें सरल बनाना है ताकि सुविधाजनक तरीके से डिजिटल आर्थिक व्यवस्था कायम हो सके तथा क्षमता निर्माण के माध्यम से व्यापारियों तक डिजिटल बिजनेस के लाभ पहुंच सके।
करीब 13500 लघु और मंझोले असंगठित, स्व संगठित बिजनेस और व्यापारियों को इस तरह का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य तय किया गया है।
एनआईईएलआईटी पांच क्षेत्रीय कार्यशालाओं का दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और 30 राज्य स्तरीय कार्याशालाओं तथा 100 दिग्ग्ीधन कैम्पों का आयोजन करेगा।
Source: PIB