राष्ट्रपति भवन प्रशिक्षण: KVIC मालियों को दे रहा है मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण, भवन की वनस्पति को भी होगा फ़ायदा


खादी एंड विलेज इंडस्ट्री कमीशन (केवीआईसी) प्रधानमंत्री मोदी के हनी मिशन को प्रोत्साहित करने पर जोर दे रही है। इसी राह में आगे बढ़ते हुए केवीआईसी ने राष्ट्रपति भवन के मालियों के लिए मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु किया है। जिसके तहत 500 मधुमक्खी के बक्से परिसर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित किए जाएंगे। […]


KVIC BEE1खादी एंड विलेज इंडस्ट्री कमीशन (केवीआईसी) प्रधानमंत्री मोदी के हनी मिशन को प्रोत्साहित करने पर जोर दे रही है। इसी राह में आगे बढ़ते हुए केवीआईसी ने राष्ट्रपति भवन के मालियों के लिए मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु किया है। जिसके तहत 500 मधुमक्खी के बक्से परिसर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित किए जाएंगे।

राष्ट्रपति की सेक्रेट्री ओमिता पॉल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केवीआईसी के इस इनिशिएटिव से राष्ट्रपति भवन में लगे पेड़-पौधों को बड़ा फायदा होगा। साथ ही अभी हाल में भवन में लगाये गए 16000 पेड़-पौधों का विकास तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि केवीआईसी के इस प्रशिक्षण से महिलाओं के सशक्तिकरण को भी मजबूती मिलेगी।

इस अवसर पर केवीआईसी अध्यक्ष वीके सक्सेना ने कहा है कि इस योजना के जरिए हर साल 12,500 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाला शहद और 300 किलो अच्छी गुणवत्ता वाला मोम उत्पादित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन से आसपास की वनस्पतियों की पैदावार अच्छी होगी। और फसल की पैदावार 25 फीसदी तक बढ़ेगी।

राष्ट्रपति भवन के बागों में आम, जामून, ब्लैकबेरी, नीम और सहजन के पेड़ बड़ी संख्या में लगे हैं। प्रशिक्षण के बाद परिसर के माली भवन में शहद का उत्पादन कर सकेंगे।

केवीआईसी, नई दिल्ली नगर निगम की सहायता से  राष्ट्रीय राजधानी में 5,000 मधुमक्खी बक्से लगाने की योजना भी बना रहा है। जिनमें दिल्ली के विभिन्न आरक्षित वन क्षेत्रों के अलावा, लोदी गार्डन, तालकटोरा गार्डन और नेहरू पार्क आदि बागान शामिल हैं।

गौरतलब है कि केवीआईसी राष्ट्रपति भवन से पहले तिहाड़ जेल में 50 युवा कैदियों को मधुमक्खी पालन का पांच दिवसीय प्रशिक्षण दे चुका है। केवीआईसी ने योजना के तहत जेल में 500 मधुमक्खियों के बॉक्स लगाएगा, जिसके जरिये उच्च गुणवत्ता का शहद पैदा किया जाएगा और युवा कैदियों को ट्रेनिंग दी जायेगी।

 

Shriddha Chaturvedi

ख़बरें ही मेरी दुनिया हैं, हाँ मैं पत्रकार हूँ

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