रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है FDI, 9 महीने में ढाई लाख करोड़ के पार


नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को लगे तगड़े झटकों के बावजूद इस वित्त वर्ष भारत विदेशी निवेश के मामले में नए रेकॉर्ड बनाने के करीब है। विदेशी निवेश के मामले में वैश्विक रूप से पिछला साल सही नहीं रहा था और दुनियाभर में हुए विदेश निवेश में करीब 16 प्रतिशत की कमी आई थी वहीं भारत ऐसे […]


fdiनोटबंदी से अर्थव्यवस्था को लगे तगड़े झटकों के बावजूद इस वित्त वर्ष भारत विदेशी निवेश के मामले में नए रेकॉर्ड बनाने के करीब है।

विदेशी निवेश के मामले में वैश्विक रूप से पिछला साल सही नहीं रहा था और दुनियाभर में हुए विदेश निवेश में करीब 16 प्रतिशत की कमी आई थी वहीं भारत ऐसे माहौल में भी आर्थिक स्थिरता की ओर बढ़ता दिख रहा है।

भारत में अप्रैल-दिसंबर के बीच विदेशी निवेश पिछले साल के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़ कर 35.8 बिलियन डॉलर (करीब 2.4 लाख करोड़ रुपए) पहुंच चुका है। यह तब है जब इस वित्त वर्ष में 3 महीने के आंकड़े नहीं जुडे़ हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष विदेशी निवेश पिछले साल के 40 बिलियन डॉलर के आंकडे़ को पार कर नया रेकॉर्ड बनाएगा।

अगर एफडीआई के आंकड़े में असमावेशित कंपनियों में किए गए निवेश को भी जोड़ दें तो अब तक कुल एफडीआई 48 बिलियन डॉलर के करीब है। पिछले वित्त वर्ष यह 55.5 बिलियन डॉलर था। विदेशी निवेश में सबसे बड़ा हिस्सा सर्विस सेक्टर का है जिसका योगदान करीब 18 प्रतिशत है।

इसके अलावा निर्माण विकास, टेलिक्युनिकेशन्स, कंप्यूटर हार्डवेयर और ऑटोमोबाइल सेक्टरों में भी भारी विदेशी निवेश हुआ है।

सरकार ने देश की एफडीआई पॉलिसी में पिछले दो सालों में कई उदारवादी सुधार किए हैं। इसके मद्देनजर कई सेक्टरों को ऑटोमैटिक अप्रुवल के अंतर्गत लाया गया है जिससे विदेशी निवेश को बढ़ाया जा सके।

डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीयल पॉलिसी ऐंड प्रमोशन (DIPP) के सेक्रेटरी रमेश अभिषेक ने बताया, ‘विदेशी निवेशकों की भारत मे रुचि बढ़ रही है। निवेशकों की ओर से हमें काफी फीडबैक मिल रहा है जो पहले कभी नहीं मिल रहा।’

विदेशी निवेश से जुड़ी सरकारी एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया को करीब 41 लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल मिले हैं जिसमें से 2 लाख करोड़ का निवेश पहले ही हो चुका है।

टैक्स और रेग्युलेटरी सर्विसेज के डायरेक्टर देवराज सिंह कहते हैं, ‘निवेशकों ने भारत पर अपना भरोसा दिखाया है। 90 प्रतिशत से ज्यादा विदेशी निवेश ऑटोमैटिक रूट से आ रहा है जौ पिछले 2 सालों में तेजी से बढ़ा है।’

DIPP द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक भारत में एफडीआई के पांच टॉप देश मॉरिशस, सिंगापुर, जापान, यूके और अमेरिका है।

No Comments Yet

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>


*