रिजर्वबैंक आॅफ इंडिया का लघु और सूक्ष्म उद्योगों की फाइनांस व्यवस्था सुदृढ़ करने के उद्देश्य से गुरुवार से दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। कार्यशाला में रांची प्रक्षेत्र की विभिन्न बैंकों की एमएसएमई शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला का विषय नेशनल मिशन फाॅर कैपेसिटी बिल्डिंग आॅफ बैंकर्स फाॅर फाइनांसिंग एमएसएमई सेक्टर है।
कार्यशाला में आरबीआई झारखंड के महाप्रबंधक पैट्रिक बारला ने कहा कि लघु और सूक्ष्म उद्योग देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्हें अगर विकास की रीढ़ कहा जाए तो गलत होगा। उनकी उत्पादन क्षमता से ही देश के साथ-साथ बैंकों का विकास संभव है। लघु, कुटीर, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों को सही फाइनांस कर बैंक उसका फायदा उठा सकते हैं। रिजर्व बैंक के राजेश तिवारी ने अधिकारियों को फाइनांस के गुर सिखाते हुए कहा कि किसी भी उद्योग को फाइनांस करते समय उसकी हर पहलू को देखना जरूरी होता है। उद्योग अगर चलने की बजाय एक बोझ बनने लगे तो बैंक के लिए भी कई तरह की परेशानियां उत्पन्न होने लगती है। एमएसएमई के निदेशक आरके कपूर ने राज्य की औद्योगिक इकाइयों की वस्तुस्थिति से अवगत कराया। सरकार द्वारा उद्यमियों को दी जा रही सुविधाओं पर प्रकाश डाला। एसबीआई एमएसएमई शाखा के अनूप कुमार ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र अपने आप में बैंक के लिए एक बड़ा ऋणी है। यह कहना गलत होगा कि यह क्षेत्र बैंकों की रीढ़ है। कार्यशाला में सिडबी, सेबी, उद्योग विभाग, एसएलबीसी और राज्य सरकार के अधिकारियों ने सहभागिता निभाई।
Source: Bhaskar