विदेशी सर्टिफिकेट नहीं चलेंगे, सरकार देशी Zed सर्टिफिकेट वालों से ही खरीद करेगी


क्वालिटी, मैनेजमेंट और वातावरण सरंक्षण को लेकर पहली बार भारतीय स्टैंडर्ड लागू हो रहे हैं। विदेशी आईएसओ सर्टिफिकेशन की निर्भरता खत्म होगी। अब सरकारी स्तर पर जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट सटैंडर्ड ही चलेंगे। जिसका शार्ट नेम रखा है -जेड। इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार सिर्फ वही उत्पाद खरीदने की तैयारी कर रही है, जो […]


ZEDक्वालिटी, मैनेजमेंट और वातावरण सरंक्षण को लेकर पहली बार भारतीय स्टैंडर्ड लागू हो रहे हैं। विदेशी आईएसओ सर्टिफिकेशन की निर्भरता खत्म होगी।

अब सरकारी स्तर पर जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट सटैंडर्ड ही चलेंगे। जिसका शार्ट नेम रखा है -जेड। इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार सिर्फ वही उत्पाद खरीदने की तैयारी कर रही है, जो क्वालिटी कौंसिल आफ इंडिया से जेड सर्टीफाइड होंगे।

केंद्रीय एमएसएमई डिपार्टमेंट ने 22,222 कंपनियों को ये सर्टीफिकेट देने का टारगेट रखा है, जबकि अभी तक सिर्फ 1800 ने ही एप्लाई किया है। लघु उद्योग भारती व वाल्व एंड काक्स एसोसिएशन के मैंबर्स को माहिरों ने जेड सर्टिफिकेशन की जानकारी दी है। इसे लेकर सरकारी की वित्तीय सहायता स्कीम के बारे भी बताया है।

विदेशी कंपनियों को सामान बेचने के लिए अभी तक विदेशी सर्टिफिकेशन लोग लेते थे। ये सर्टिफिकेट उस प्रोसेस को दी जाती है जिसके तहत मैन्युफैक्चरिंग करते हुए वातावरण सरंक्षण किया जाता है। इसी तरह क्वालिटी स्टैंडर्ड के तहत ये भी मानक तय होते हैं, जिससे तय समय में टास्क पूरा कर लिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले से इंडस्ट्री को जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट पॅलिसी पर चलने को कहा था। यानी जो सामान तैयार करें, उसमें डिफेक्ट न हो। इसे तैयार करते हुए वातावरण पर इफेक्ट न आए।

नेशनल प्रोडक्टिविटी कौंसिल के माहिरों अखिलेश के. विमल और आशीष वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच को प्रेक्टीकली लागू करने के लिए क्वालिटी कौंसिल आफ इंडिया जेड सर्टिफिकेशन देगी। उन्होंने इंडस्ट्री को बताया कि सरकार ने 3 साल में 12 लाख लोगों को जेड सर्टिफिकेशन से जोड़ना है। इसके लिए जेड सैल बनाए जा रहे हैं। मिसाल के तौर पर टाटा कंपनी बड़ा खरीददार है। उसे जेड सैल कहा जाएगा। उसे जितने भी यूनिट सामान सप्लाई कर रहे हैं, उनका जेड सर्टीफाइड होना जरूरी रहेगा।

इस दौरान लघु उद्योग भारती के जालंधर यूनिट के प्रेसिडेंट हरीष गुप्ता ने कहा कि सरकार की कोशिश सराहनीय है। जेड सर्टिफिकेशन नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल लैवल पर भी इंडस्ट्री की ग्रोथ में मदद देगी। वहीं, इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रोमोशन कौंसिल आफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर ओपिंदर सिंह ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर पर सरकार का फोकस है। पचास फीसदी से लेकर अस्सी फीसदी तक सरकार सर्टिफिकेशन लेने के खर्च में मदद दे रही है। इसका फायदा लें।

Source: DanikBhaskar.com

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