नोटबंदी के कारण नकदी की कमी के चलते माँग घटने से सब्जियों तथा प्याज की कीमत में भारी गिरावट से खाद्य पदार्थों की थोक महँगाई दर शून्य से 0.70 प्रतिशत नीचे रही। लेकिन विनिर्माण उत्पादों की कीमतें बढ़ने के कारण थोक मूल्यों पर आधारित देश की वार्षिक मंहगाई दर दिसंबर में बढ़कर 3.38 प्रतिशत पर पहुंच गयी है जो नबंवर में 3.15 फीसदी थी।
केंद्रीय सांख्किीय कार्यालय (CSO) द्वारा जारी थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित आंकड़ों के तहत, खाद्य पदार्थों की महंगाई दर दिसंबर में 0.70 फीसदी रही है जो नवंबर में 1.54 फीसदी थी। ईंधन की महंगाई दर 8.65 फीसदी रही, यह नवंबर में 7.07 प्रतिशत थी। वहीं विनिर्माण उत्पादों की महंगाई दर नवंबर में 3.20 फीसदी के मुकाबले दिसंबर में 3.67 फीसदी रही है। विनिर्मित उत्पादों की महँगाई दर जुलाई 2014 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर है।
विनिर्मित वस्तुओं कागज एवं इसके उत्पादकों में (1.29 प्रतिशत), चमड़ा एवं इसके उत्पादन में (1.04 प्रतिशत), रबर एवं प्लास्टिक के उत्पादकों में (1.99 प्रतिशत), रसायन एवं रासायनिक उत्पादकों में (0.60 प्रतिशत), अधातु खनिज उत्पाद (0.56 प्रतिशत), सीमेंट, चूना पत्थर (0.11 प्रतिशत), मशीनरी एवं मशीन उपकरण (0.44 प्रतिशत), परिवहन उपकरण एवं कलपुर्जे (1.45 प्रतिशत) की विनिर्मिम वस्तुओं के मूल्यों बढ़ोत्तरी कम हुयी है।
चीनी के दाम सर्वाधिक 28.04 प्रतिशत की बढोत्तरी हुयी हैं, शीतल पेय पदार्थों, तंबाकू एवं इसका उत्पाद 7.67 प्रतिशत, मुख्य मिश्रधातु व धातु उत्पाद 5.42 प्रतिशत, खाद्य तेल 4.87 प्रतिशत, इस्पात एवं सेमीज 4.71 प्रतिशत तथा सूती कपड़े 3.68 फीसदी महँगे हुये हैं।
वहीं, लकड़ी एवं लकड़ी के उत्पाद 0.82 प्रतिशत सस्ते हुये हैं। अखाद्य प्राथमिक उत्पादों में खनिजों के दाम 12.86 फीसदी तथा फाइबर के 11.88 फीसदी बढ़े हैं।