केंद्रीय राज्य एमएसएमई मिनिस्टर हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने कहा है कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा को प्राप्त करने के लिए एमएसएमई के लिए विनिर्माण में उत्कृष्टता व अच्छी क्वालिटी के प्रोडेक्ट होना बहुत जरुरी है।
चौधरी ने यह बात कॉन्फ़ेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा एमएसएमई सेक्टर के विकास के लिए आयोजित किए गए राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में कही। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी मेले के 22 वें संस्करण का हिस्सा था। मेले का आयोजन भारतीय एमएसएमई की उत्पादकता व विकास को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि एमएसएमई के बाजार को बढ़ाने के लिए देशभर में स्थित एमएसएमई की सर्विस व प्रोड़क्टस के डाटा के आधार पर एक केंद्रीय फंड़ को बनाने की आवश्यकता है।
इसके साथ ही मंत्री ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए शुरु का गयी जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट योजना का भी उल्लेख किया।
चौधरी ने कहा कि टेक्नोलॅाजी योग्यता को बढ़ाने वाला जरिया है। जिससे भारतीय एमएसएमई इकाइयों की क्वालिटी, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और लाभ को बढ़ाया जा सकता है।
चौधरी ने एक बार फिर से बताया कि हमारा मंत्रालय विश्व बैंक द्वारा 20,000 करोड़ की वित्तीय सहायता के साथ 15 नए टेक्नोलॅाजी सेंटर देश भर में शुरु करने जा रहा है।
उनके अनुसार दो देशो के बीच सहभागिता और डेलीगेशन विजिट्स से भारतीय MSMEs को फायदा हो सकता जिसमें उनगे वैश्विक स्तर पर बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।