सभी राज्य बनाएं एमएसएमई के लिए मंत्रालय या विभाग: केंद्र सरकार


एमएसएमई क्षेत्र के तेज विकास के लिए केंद्र ने सभी राज्यों से अपने यहां लघु व मझोले उद्योगों के लिए अलग से मंत्रालय या विभाग गठित करने को कहा है। केंद्र का मानना है कि एमएसएमई नीतियों पर अमल के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम इनसे संबंधित एक निदेशालय तो […]


SMEएमएसएमई क्षेत्र के तेज विकास के लिए केंद्र ने सभी राज्यों से अपने यहां लघु व मझोले उद्योगों के लिए अलग से मंत्रालय या विभाग गठित करने को कहा है। केंद्र का मानना है कि एमएसएमई नीतियों पर अमल के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम इनसे संबंधित एक निदेशालय तो अवश्य होना चाहिए।

एमएसएमई के विकास की दिशा में केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय बनाने की दिशा में 28 अप्रैल को नई दिल्ली में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के एमएसएमई मंत्रियों और सचिवों के साथ एक बैठक हुई। बैठक केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र की अध्यक्षता में हुई।

बैठक में मिश्र ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम क्षेत्र के समग्र विकास के लिए केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय अनिवार्य है। इस संबंध में उन्होंने भविष्य में इस प्रकार की और बैठकें करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत सारे क्षेत्र हैं जहां केंद्र और राज्य के प्रयास एक दूसरे के लिए आवश्यक और अनुपूरक हो सकते हैं।

बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि विभिन्न राज्यों को भी एमएसएमई के विकास और प्रगति पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कुछ राज्यों ने पृथक एमएसएमई विभाग सृजित किया है। मिश्र ने सभी राज्यों से अनुरोध किया कि इस संबंध में अलग विभाग अथवा कम से कम एक अलग निदेशालय इस क्षेत्र के लिए होना चाहिए। इसके अलावा सभी राज्यों को एमएसएमई क्षेत्र के लिए अलग नीतियां बनाने की सलाह भी केंद्र की तरफ से दी गई।

Source: Jagran.com

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