ओड़िशा राज्य सरकार ने कटक और भुवनेश्वर में प्रस्तावित फॅार्मा कल्स्टर के विकास और विस्तार के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय में विकास आयुक्त (डेवलपमेंट कमिश्नर) को एक प्रपोजल सौंपा है जिसके तहत अतिरिक्त समय (दिसम्बर 2017 तक) की मांग की गई है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने मार्च 2017 तक कॅामन फैसिलिटी सेंटर (CFC) के निर्माण कार्य के पूरा होने की उम्मीद जतायी है।
सेक्टर को सश्क्त बनाने के लिए Special Purpose Vehicle (SPV) के तहत उत्कल फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (उपमा) की 45 इकाइयों का गठन किया गया है।
CFC की कुल लागत 293 लाख है। जिसमें 197 लाख मिनिस्ट्री आफ एमएसएमई, 60 लाख राज्य सरकार व 35 लाख SPV का योगदान होगा।
SPV पहले से ही अपने एक प्रोजेक्ट के तहत भुवनेश्वर के मंचेश्वर औद्योगिक एस्टेट में सिविल कार्यों का निर्माण कर रहा है। यह प्रोजेक्ट राज्य सरकार द्वारा संचालित ओड़िशा लघु उद्योग निगम (OSIC) की देख-रेख में हो रहा है।
कल्स्टर की विकास गति की समीक्षा राज्य एमएसएमई सेकेटरी एलएन गुप्ता ने एक मीटिंग में की। जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि एक त्रिपक्षीय समझौता इंडस्ट्रीज के निदेशक, एमएसएमई विकास संस्थान और उपमा के बीच इस सेक्टर के विकास के लिए किया जाएगा।
CFC के पूरा होने के बाद यह 70 फार्मा उद्योगों के लिए परीक्षण के उद्देश्य से एक आम प्रयोगशाला और यूनिट्स के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण केंद्र का काम उपलब्ध कराएगा।
उपमा चेयरमेन अशोक कुमार पटनायक ने कहा, “अभी फार्मा इकाइयों को परीक्षण के लिए, कच्चे माल के नमूनों और तैयार उत्पादों को राज्य के बाहर राज्य के बाहर भेजना होता है। लेकिन CFC के पूरा होने के बाद कच्चे माल और तैयार उत्पादों का राज्य के अन्दर ही परीक्षण किया जा सकेगा। यह सीएफसी फॅार्मा क्लस्टर के लिए अपनी तरह का राज्य में पहला केंद्र होगा।”
यह प्रोजेक्ट राज्य में लगभग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 500 लोगो को रोजगार मुहैया कराएगा।