मोदी सरकार ने स्टार्टअप्स के महत्व को ध्यान में रखते हुए और युवा उद्यमियों तथा स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए, स्टार्टअप की परिभाषा में बदलाव किया है। अब स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान का फ़ायदा 7 साल पुराने स्टार्टअप्स भी उठा सकते हैं। अभी तक पिछले साल शुरू की गई इस योजना का लाभ सिर्फ 5 साल पुरानी कंपनियां ही उठा सकती थीं।
नयी परिभाषा के अनुसार, अब वो कंपनी स्टार्टअप मानी जायेगी जिसका कारोबार 25 करोड़ रुपये से कम हो और जो अपरिवर्तित रही हो।
(1/4) Key changes made to the definition of #startups, process of recognition made simpler under https://t.co/mFHMFDPYiK #StartupIndia
— Startup India (@startupindia) May 26, 2017
साथ ही पंजीकरण की तारीख से लेकर अब तक सात वर्ष से अधिक पुरानी न हो। हालाँकि जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए कुछ छूट के साथ यह समयावधि 10 वर्ष है।
गौरतलब है स्टार्टअप इंडिया मोदी सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसे 16 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य देश में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करना है। इसके सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड्स बनाया, जिसे 2025 तक स्टार्टअप को देना है।
(3/4) Organizational age for #startups is now 7 years; for biotechnology #startups 10 years #StartupIndia
— Startup India (@startupindia) May 26, 2017
स्टार्टअप इंडिया योजना कॉमर्स मिनिस्ट्री के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ़ इंडस्ट्रियल पालिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) के तहत काम करती है।