स्टार्टअप: छंटनी ज्यादा और रोजगार कम


अगर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के बाद ऐसा कोई क्षेत्र है, जिसमें बहुत अधिक लोगों की नौकरियां जा रही हैं तो वह स्टार्टअप एवं ई-कॉमर्स क्षेत्र है। अग्रणी ऑनलाइन मार्केटप्लेस, ई-ग्रॉसर्स, आईओटी यानी इंटरनेट ऑफ थिंग्स कंपनियां, ऐप आधारित कंपनियां, ट्रांसपोर्ट एग्रीगेटर आदि उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने या तो पूरी तरह परिचालन बंद कर […]


startup_4 resizeअगर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के बाद ऐसा कोई क्षेत्र है, जिसमें बहुत अधिक लोगों की नौकरियां जा रही हैं तो वह स्टार्टअप एवं ई-कॉमर्स क्षेत्र है।

अग्रणी ऑनलाइन मार्केटप्लेस, ई-ग्रॉसर्स, आईओटी यानी इंटरनेट ऑफ थिंग्स कंपनियां, ऐप आधारित कंपनियां, ट्रांसपोर्ट एग्रीगेटर आदि उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने या तो पूरी तरह परिचालन बंद कर दिया है या परिचालन का आकार कम कर दिया है।

रोजगार के घटते अवसरों के बीच कुछ धीरे-धीरे पटरी पर आने की कोशिश कर रही हैं। कंपनियां कर्मचारियों को नया कौशल प्रशिक्षण देने और दूसरी जगह नियुक्त करने जैसे कदम उठा रही हैं ताकि मुनाफे पर नजर रखते हुए आगे बढ़ा जा सके। हालांकि अमूमन कारोबारी वृद्धि के वर्षों में उनकी शब्दावली में ये नाम नहीं होते हैं।

स्पैपडील का ही उदाहरण लीजिए। पिछले 3 से 4 महीनों के दौरान यह अग्रणी ई-कॉमर्स कंपनी अपने कुल कर्मचारियों में से 85 फीसदी को नौकरी से निकालने और निवेशकों के बीच मूल्यांकन को लेकर निदेशक मंडल के झगड़े की वजह से सुर्खियों में रही है। इसके पास अब करीब 1,200 कर्मचारी बचे हैं। यह अब भी मार्केटप्लेस का संचालन कर रही है, जो मुख्य रूप से वर्तमान कर्मचारियों को दूसरी जगह नियुक्त करने की वजह से चल रहा है।

कंपनी विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े कोडर्स और प्रोग्रामर्स को अब ई-कॉमर्स पोर्टल पर काम करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। कुछ को डाटा साइंसेज के कम अवधि वाले पाठ्यक्रम कराए गए हैं ताकि वे इससे संबंधित बुनियादी काम कर सकें।

स्नैपडील मेंं एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कंपनी जिस स्थिति में इस समय फंसी है, उससे निपटने के लिए यह तरीका अपनाया जा रहा है। वरिष्ठ प्रबंधकों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया है। इससे हमें दैनिक परिचालन को जारी रखने और शेष लोगों की नौकरियां बचाने में मदद मिल रही है।’

नए कौशल मुहैया कराने वाली कंपनियों से संपर्क करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों की तादाद भी बढ़ रही है। उनसे ई-कॉमर्स कंपनियां आग्रह कर रही हैं कि कुछ कर्मचारियों को नए कौशल का प्रशिक्षण मुहैया कराएं ताकि उन्हें अतिरिक्त कार्य दिए जा सकें।

इंटेलिपाट डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ दिवाकर चित्तौड़ा कहते हैं, ‘बिग डाटा, डाटा एनालिटिक्स, डाटा साइंसेज, डिजिटल मार्केटिंग जैसी नई तकनीकों के प्रशिक्षण की मांग बढ़ रही है।’ ऐसे उदाहरण सामने आ रहे हैं, जिनमें एमबीए करने वाले बिज़नेस इंटेलिजेंस टूल्स को अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘इनसे लोगों को अपनी नौकरी बचाए रखने में मदद मिलती है।’ अब तक उनकी कंपनी 80 से अधिक कॉरपोरेट ग्राहकों और उद्यमों के साथ मिलकर काम कर चुकी है और 2,000 लोगों को प्रशिक्षित कर रही है।

मानव संसाधन विशेषज्ञ मानते हैं कि स्टार्टअप में कर्मचारियों को नया कौशल प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया में तेजी आएगी क्योंकि वे अतिरिक्त कर्मचारियों को हटाने के बाद बचे हुए कर्मचारियों को दूसरी जगह नियुक्त करने पर विचार कर रही हैं। दो साल पहले तक लोकप्रिय सर्च इंजनों और जॉब पोर्टलों पर सबसे ज्यादा टाइप किया हुआ वाक्यांश ‘जॉब्स इन स्टार्टअप‘ था। इस तरह के किसी सर्च से डिलिवरी कर्मचारी से लेकर डाटा साइंटिस्ट तक के पदों की सूची आ जाती थी। लेकिन 2017 तक स्थिति पूरी तरह बदल गई है।

उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान करीब 250 से ज्यादा स्टार्टअप और ई-कॉमर्स उपक्रमों ने करीब 20,000 प्रत्यक्ष कर्मचारियों और 55,000 अप्रत्यक्ष कर्मचारियों को मुश्किल हालात में छोड़ दिया है।

उदाहरण के लिए स्नैपडील ने अपने कर्मचारियों की संख्या घटाकर अब महज 1,200 कर दी है, जो पिछले साल फरवरी में 10,000 थी। अग्रणी होमस्टे और ऑल्टरनेट स्टे एग्रीगेटर स्टेजिला ने भी परिचालन बंद कर दिया है। कहा जा रहा है कि कारोबारी सामान और आपूर्ति पोर्टल टोलेक्सो करीब 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहा है, जो उसके कुल कर्मचारियों का 85 फीसदी है।

उपभोक्ता इंटरनेट सर्च प्लेटफॉर्म आस्कमी ने पिछले साल अगस्त में अपना परिचालन बंद कर दिया था, जिससे करीब 4,000 लोग बेरोजगार हो गए। कर्मचारियों ने यह भी बताया है कि ताला लटकाने से पहले के दो महीनों में कंपनी ने ज्यादातर कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया था।

उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक निवेशकों के दिमाग में विलय का विचार होने से इस क्षेत्र में रोजगार की स्थिति कमजोर रहने के आसार हैं, जिससे एक समय प्रमुख क्षेत्र माना जाता था।

भारत में केपीएमजी में पार्टनर (टैक्स) अमरजीत सिंह ने कहा, ‘ई-कॉमर्स और स्टार्टअप क्षेत्र में नकल के कारण पहले से ही इसमें विलय के आसार नजर आ रहे थे। आने वाले दिनों में रोजगार में और कटौती देखने को मिलेगी। बाजार में स्थिरता तक यह स्थिति बनी रहेगी।’

इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगे कुछ ई-कॉमर्स कारोबारों ही फंड मिल पाएगा। नौकरी और इसकी होल्डिंग कंपनी इन्फो एज के मुख्य कार्याधिकारी हितेश ओबेरॉय कहते हैं, ‘हर किसी को धन नहीं मिल पाएगा। मजबूत कंपनियां ही फिर से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर पाएंगी।’

हालांकि नियोक्ताओं का कहना है कि नियुक्ति करने वाली कंपनियां भी नियुक्तियों को लेकर सतर्कता बरतेंगी। ई-कॉमर्स कंपनियों में से जो अब भी विस्तार कर रही हैं, उनमें एमेजॉन इंडिया और पेटीएम आदि शामिल हैं। फ्लिपकार्ट ने पिछले साल करीब 700 लोगों को नौकरी से निकाला था। कंपनी ने हाल में 1.4 अरब डॉलर जुटाए हैं और कहा जा रहा है कि वह अपने कर्मचारियों की तादाद बढ़ाने के बारे में विचार कर रही है। हालांकि कर्मचारियों के कौशल मेंं सुधार करना ऐसी चीज है, जो स्टार्टअप को अपनी वृद्धि के अगले चरण के लिए सीखनी होगी। ( By: करण चौधरी)

Source: Business Standard

No Comments Yet

Comments are closed