हरियाणा सरकार ने छोटे कारोबारियों, जिनका टर्न ओवर पांच लाख रूपये तक है, का वार्षिक व्यापार बाजार शुल्क ख़त्म कर दिया है।
राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने व्यापारिक कांफ्रेंस-विराट व्यापारिक सम्मेलन में कई योजनाओं को शुरू करते हुए कहा है कि वैट / सीएसटी रिफंड की ऊपरी वित्तीय सीमा को भी बदला जाएगा जिससे व्यापार करने में कारोबारियों को प्रोत्साहन मिले।
उन्होंने एक अवार्ड की शुरुआत करते हुए कहा कि अधिकतम करों का भुगतान करने वाले उद्यमियों को वार्षिक पुरस्कार दिया जाएगा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए खट्टर ने कहा कि जिला स्तर पर व्यापारियों की शिकायतों का निवारण करने के लिए व्यापारी सलाहकार समितियां बनाई जाएगी।
योग्य डिप्टी एक्साइज और टेक्सेशन कमिश्नर 25 लाख तक के वेट और सीएसटी के रिफंड की अनुमति देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य में बाजार दर के बराबर किसी अचल संपत्ति की कलेक्टर दर को तय करने का फैसला किया है। इसे यह 1 अप्रैल से लागू होगा, ताकि सिस्टम में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
समारोह में जीएसटी पर बात करते हुए खट्टर ने कहा कि इस बिल के 1 अप्रैल से लागू होने की पूरी संभावना है। खट्टार ने कहा कि 20 लाख रुपये से अधिक तक का वार्षिक कारोबार वाले व्यापारियों को 31 मार्च तक खुद को इसके लिए पंजीकृत कराना होगा। अब तक 62 फीसदी से अधिक व्यापरी इसमें अपना पंजीकरण कर चुके हैं।
खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में व्यापारियों की समस्याओं और मुद्दों को हल करने के लिए पहले से ही ट्रेडर्स कल्याण बोर्ड का गठन कर चुकी है।
नई एंटरप्राइज प्रमोशन पॉलिसी लागू करने के अलावा, सरकार ने पिछले साल गुरुग्राम में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 7 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे।