केंद्र सरकार की स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की योजना से प्रदेश सरकार कई कदम पीछे चल रही है। अभी तक गुड़गांव में एक भी स्टार्टअप शुरू नहीं कराया जा सका है, जिसमें प्रदेश सरकार की ओर से वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई हो।
ऐसे में स्टार्टअप की दिशा में कोई काम न होने से मिलेनियम सिटी के यंगस्टर्स के आइडिया उनके दिमाग से बाहर नहीं निकल पाए हैं।
उद्योग विहार में बनाया गया सेंटर
केंद्र सरकार की इस योजना को लेकर प्रदेश सरकार ने एक पॉलिसी तैयार की। इसे इंटरप्राइजेज प्रमोशन पॉलिसी नाम दिया गया। इसके तहत करीब 4 करोड़ रुपये की लागत से इनोवेशन सेंटर तैयार करने की प्लानिंग की गई, जबकि इस सेंटर के ऑपरेशन पर एक करोड़ रुपये अलग से खर्च करने का प्रावधान किया गया।
इस सेंटर में 3 साल तक स्टार्टअप्स को जगह मुहैया कराई जानी है और इस दौरान होने वाले खर्च प्रदेश सरकार द्वारा किए जाने हैं। सेंटर को तैयार करने का जिम्मा हारट्रोन को दिया गया। जिसके चलते उद्योग विहार फेज-1 में सेंटर स्थापित करने की दिशा में काम शुरू हुआ।
46 स्टार्टअप्स के लिए बनी सुविधा
हारट्रोन के एक अधिकारी के अनुसार, यहां पर एक साथ 86 स्टार्टअप बैठ कर अपना काम कर सकते हैं, लेकिन अभी तक 46 स्टार्टअप्स के बैठने और उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं का इंतजाम हो गया है। जबकि, यहां बैठने के लिए कोई भी स्टार्टअप्स अभी नहीं आया है।
नैसकॉम को इन स्टार्टअप्स के मैंटर की भूमिका निभानी है। इन्हें आगे ले जाने की जिम्मेदारी भी नैसकॉम की है। सेंटर तैयार होने को लेकर नैसकॉम को अवगत करा दिया है और अगले कुछ दिनों में इस सिलसिले में मीटिंग होने की भी उम्मीद है।
नैसकॉम नहीं उठा रहा अगला कदम
एक अन्य अधिकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए नैसकॉम के साथ एमओयू साइन किया था। इसमें जगह व संसाधन उपलब्ध कराने का जिम्मा हरियाणा सरकार को पूरा करना है और नैसकॉम स्टार्टअप के आइडिया को देखकर उन्हें यहां तक लाने की जिम्मेदारी निभाएगा। ऐसे में 46 स्टार्टअप के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद अभी तक नैसकॉम की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
हारट्रोन के एजीएम राजीव गुलाटी बताते हैं कि उनकी ओर से 46 स्टार्टअप के लिए इंतजाम पूरे कर लिए हैं। सेंटर ‘प्लग एंड प्ले’ की पॉजिशन में है। यहां बैठते ही काम शुरू किया जा सकता है।
7 यूनिवर्सिटी से अटैच होगा सेंटर
स्टार्टअप्स के लिए बनाया गया फैसिलेशन सेंटर भविष्य में प्रदेश की 7 यूनिवर्सिटी से अटैच करने की भी योजना है। उद्योग विभाग के मुताबिक, इन यूनिवर्सिटी में 30-30 लाख रुपये खर्च कर सेंटर बनाए जाएंगे। इसका मकसद जमीनी स्तर से आइडिया को निकाल कर लाना है और फिर उनमें से अच्छे आइडिया को स्टार्ट अप के तौर पर शुरू कराना है।
प्राइवेट फंड से चल रहे हैं कई स्टार्टअप
सरकारी स्तर पर भले ही कोई स्टार्टअप फाइनैंस न किया गया हो, लेकिन गुड़गांव में 100 के आसपास ऐसे स्टार्टअप्स चल रहे हैं, जो प्राइवेट फंड से खुद को स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। इन स्टार्ट अप में से किसी ने देश के बड़े औद्योगिक घरानों से मदद ली हुई है, तो किसी ने अपने मित्रों व रिश्तेदारों की मदद से स्टार्टअप शुरू करके बाद में किसी बड़ी कंपनी से टाईअप किया है।
Source: Navbharat Times