हैदराबाद: ट्रांसपोर्ट स्ट्राइक की वजह से MSMEs पर बुरा असर


ट्रांसपोर्ट स्ट्राइक के कारण हैदराबाद की 2 लाख इंडस्ट्री यूनिट परेशानियों का सामना कर रही हैं। स्ट्राइक की वजह से लॉजिस्टिक्स बुरी तरह प्रभावित रहा है और इंडस्ट्री को 15 से 20 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है। हड़ताल के सांतवे दिन से एमएसएमई इकाईयों में आपूर्ति की समस्या शुरु हो गयी है क्योंकि इन […]


Logisticsट्रांसपोर्ट स्ट्राइक के कारण हैदराबाद की 2 लाख इंडस्ट्री यूनिट परेशानियों का सामना कर रही हैं। स्ट्राइक की वजह से लॉजिस्टिक्स बुरी तरह प्रभावित रहा है और इंडस्ट्री को 15 से 20 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है।

हड़ताल के सांतवे दिन से एमएसएमई इकाईयों में आपूर्ति की समस्या शुरु हो गयी है क्योंकि इन इकाईयों की उत्पादन क्षमता सीमित है।

मुख्य शहर में लगभग 50,000 एमएसएमई (माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम) और 200 बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। जिनमें से कुछ ने पहले ही उत्पादन रोक दिया था।

जीडीमेटला में स्थित स्मॅाल फूड प्रोसेसिंग यूनिट के मालिक विश्वनाथ राव ने कहा है कि कच्चे माल और ट्रकों की उपलब्धता न होने के कारण हमने दो दिन पहले उत्पादन बंद कर दिया। हमारे पहले के ऑर्डर्स अभी भी स्टोर में हैं जिन्हें हम भेज नहीं पाए हैं। जब तक हम पहले बैच को भेज नहीं देते तब तक आगे उत्पादन नहीं किया जा सकता है।

इंडस्ट्री का कहना है कि शेष इकाइयों भी अगले तीन से चार दिनों के भीतर बंद हो जाएगी। औद्योगिक क्षेत्र के लिए लॅाजिस्टिक बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके बिना उद्योग काम नहीं कर सकते हैं। अधिकांश औद्योगिक इकाइयां कच्चे माल की कमी का सामना कर रही हैं।

फेडरेशन आफ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश चेंबर आफ कॅामर्स इंडस्ट्री के अध्यक्ष रविंद्र मोदी ने कहा है कि लॉजिस्टिक्स सपोर्ट न होने की वजह से उद्योगों में लागत का संचालन 15% तक बढ़ गया है क्योंकि यूनिट्स को अभी भी रखरखाव, श्रम, गोदामों और बिजली का भुगतान करना पड़ता है, लेकिन वे ये पैसा रिकवर नहीं कर पाएंगी।

Inputs: Times of India

Shriddha Chaturvedi

ख़बरें ही मेरी दुनिया हैं, हाँ मैं पत्रकार हूँ

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