मोदी सरकार ने महत्कांक्षी योजना स्टार्टअप इंडिया की स्पीड धीमी पड़ गई है। सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड्स बनाया, जिसे 2025 तक तक डिस्ट्रिब्यूटर करना है। हालांकि, डीआईपीपी और सिडबी की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2016-17 के दौरान केवल 623.50 करोड़ रुपए का ही फंड मिल पाया है। सिडबी की ओर से सेबी रजिस्टर्ड ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) को 600 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
अब तक 62 स्टार्टअप्स को मिला फंड
रिपोर्ट के मुताबिक, फंड बनने के बाद से अब तक 62 स्टार्टअप्स को ही फंड मिल पाया है। यह फंड AIFs को मिले इन्वेस्टमेंट के हिसाब से डिस्ट्रिब्यूट किया है। इसमें सबसे ज्यादा फंड ‘के कैपिटल II’ ने 16 स्टार्टअप्स को 45 करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए हैं।
मार्च 2016 में दिया था पहला फंड
जारी रिपोर्ट के मुताबिक, डीआईपीपी और सिडबी ने 30 मार्च 2016 को 500 करोड़ रुपए जारी किए थे और दूसरे चरण में 10 मार्च 2017 को 100 करोड़ रुपए। यह भी कहा गया कि 31 मार्च 2017 तक 10 AIF को 623.50 करोड़ रुपए दिए गए।
सरकार ने AIFs के लिए आसान किए नियम
मार्च 2017 में कैबिनेट ने स्टार्टअप्स के फंड ऑफ फंड्स के संबंध में नए प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके तहत फंड ऑफ फंड्स द्वारा सपोर्ट किए गए AIFs डीआईपीपी के तहत क्वालिफाई स्टार्टअप्स में सिडबी से मिले फंड की दोगुनी राशि का कंट्रिब्यूशन कर सकते हैं, जोकि 10 फीसदी से 60 फीसदी के बीच बैठती है। इससे पहले उनको 100 फीसदी फंड देना पड़ता था।
अब तक 23 स्टार्टअप्स को टैक्स का फायदा
डीआईपीपी को मिले अब तक के आवेदनों में से 923 को स्टार्टअप्स के तौर पर माना गया है, जिनके पास मांगे गए डॉक्युमेंट्स थे। बाकी आवेदकों को स्टार्टअप इंडिया हब के पास भेजा गया है। वहीं, मई 2017 के पहले हफ्ते तक 23 स्टार्टअप्स को टैक्स बेनेफिट्स देने की मंजूरी दी गई है।
Source: Money Bhaskar