एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने कहा है कि एनडीए सरकार ने छोटे व मध्यम उद्यमों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है और कुछ बड़े फैसले लिए हैं जिनसे इस सेक्टर को सीधे तौर पर लाभ हो रहा है।
मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर सोशल मीडिया (फेसबुक) के माध्यम से लाइव इंटरेक्शन में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब एसएमई इकाइयों को अब टेंडर भरने के लिए किसी भी प्रकार की अग्रिम धनराशि (Earnest Money) जमा नहीं करनी होगी।
मिश्र ने कहा कि ईज आप डूईंग बिजनेस के माध्यम से रोजगार का विस्तार किया जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के तहत 10 लाख लोगों को रोजगार मिला है। और पिछले तीन साल में तीन लाख यूनिट्स स्थापित की गयी हैं।
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में आन लाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी शुरु किया गया है। जिसके तहत अब तक 19 से 21 संस्थाएं रजिस्टर हुयी हैं। इनसे तीन लाख कारीगर जुड़े हैं। टूल रूम के तहत भी बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हुआ है और लगभग 3 लाख लोगों को रोजगार मिला है।
पीएमईजीपी योजना के माध्यम से हज़ारों नए उद्यमी तैयार हुए हैं और लोगों को रोजगार भी मिला है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए एमएसएमई के विकास की आवश्यकता है। जिसको बीते तीन सालों में किया गया है।
मिश्र ने प्रधानमंत्री के विज़न पर बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में लघु उद्योगों को लगाने में जो परेशानियाँ आती हैं उनको कम करने की बात कही थी। इसी क्रम में हमने एमएसएमई की रजिस्ट्रेश प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आनलाइन मात्र एक पेज का फार्म भरने की योजना को शुरु किया गया। जिसको उद्योग आधार मेमोरेंडम (UAM) नाम दिया गया है।
एमएसएमई की हर समस्या के समाधान के लिए माय एमएसएमई एप को शुरु किया गया है।
उन्होंने सरकार के रोजगार देने के वादे पर प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के बाद से बेरोजगार नौजवानों को समर्पित कई लाभकारी योजनाओं को शुरु किया है। औऱ हिंदुस्तान को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में भी सरकार ने बीते तीन सालों में काम किया है।
देश की जीडीपी में एमएसएमई सेक्टर को योगदान 37 प्रतिशत व एक्सपोर्ट में 40 फीसदी से अधिक है।