भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए सरकार के तीन साल के कार्यकाल को सफल बताते हुए कहा है कि 7.45 करोड़ से ज्यादा उद्यमियों को प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंक ऋण दिए गए हैं।
शाह ने कहा कि इस योजना के जरिए छोटे कारोबारियों जैसे बार्बर, साइकिल मकेनिक को उनका व्यापार मिला है। 7.45 करोड़ उद्यमियों को 3.17 लाख करोड़ रुपये को लोन वितरण किया गया है। इनमें से 70 प्रतिशत लाभार्थियों में महिलाएं हैं।
शाह ने कहा कि आंकडों के अनुसार योजना का लाभ प्राप्त करने वालों में से 18 प्रतिशत उधारकर्ता अनुसूचित जाति वर्ग से हैं, शेष अन्य पिछड़े वर्ग का हिस्सा है।
गौरतलब है कि मुद्रा योजना के अंतर्गत, 50,000 रुपये तक का ऋण तीन श्रेणियों के तहत दिया जाता है। 50,000 रुपये तक का शिशु, 50,000 रुपये से 5 लाख के बीच तक किशोर और 5 लाख से 10 लाख तक का लोन तरुण वर्ग के लोगों को दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन साल की उपलब्धियों की सूची में बैंक द्वारा ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना के तहत 4,69 9 करोड़ रुपये के 22,000 से ज्यादा आवेदनों को मंजूरी दे देना भी है।
इस योजना के जरिए 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की सुविधा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों को दी जाती है।
अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में बात करते हुए शाह ने कहा कि प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) को 2015 में लॉन्च किया गाया था, जिसे 16 करोड़ से ज्यादा लाभ मिले हैं। जबकि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) 3 करोड़ से अधिक का लाभ हुआ है।
पेंशन योजना के संबंध में उन्होंने कहा, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का लाभ 1,344 करोड़ रुपये के वितरण के साथ 38.23 लाख लोगों को मिला है।
शाह ने आगे बताया एपीवाई के तहत उपभोक्ता आधार लगभग 53 लाख तक पहुंच गया है। 235 बैंक और पोस्ट विभाग वर्तमान में इस योजना के कार्यान्वयन से जुड़े हैं।
इसके अलावा भारतीय डाक के बैंकों और सीबीएस-सक्षम कार्यालयों की शाखाएं इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल के माध्यम से कागज रहित वातावरण में ग्राहकों को सोर्सिंग कर रहे हैं।
उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवारों की 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन सरकार की तरफ से दिए गए हैं और हमारा लक्ष्य 2019 तक इसको पांच करोड़ करना है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 36,44 9 किलोमीटर की तुलना में 47,447 किमी सड़क का निर्माण किया गया है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) ने पिछले तीन वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है। उन्होंने कहा कि 92 योजनाएं पहले ही डीबीटी के तहत कवर की गई हैं।