भारतीय अर्थ तंत्र (इकॉनमी) ने बीते कई वर्षों से उतार चढ़ावों को पार करते हुए लगातार विकास के मार्ग की ओर गति बनाये रखी है। वर्ष 2012 के दौरान जहाँ विश्व की बड़े राष्ट्र सकल घरेलू उत्पाद को सँभालने मात्र के लिए संघर्ष कर रहे थे उस समय में भी भारत ने 5 प्रतिशत से ऊपर की विकास दर हासिल करने में सफलता प्राप्त की थी।
रियल्टी क्षेत्र किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण माप दण्ड रहता है। 2012 में जब रिहायशी क्षेत्र निम्नतम स्तर पर पहुँचा तो अमेरिकी अर्थ तंत्र को काफी हद तक संघर्ष करना पड़ा था।
ज्योतिषीय शोध एक नवीन दृष्टि प्रदान करता है हमारे आसपास होती घटनाओं का विवेचन करने के लिए।
रिहायशी क्षेत्रों में जहां सूर्य चंद्र शुक्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है वहीं औद्योगिक क्षेत्र के लिए मंगल शनि की भूमिका का विश्लेषण उचित मार्ग दर्शन करता है।
वर्तमान की ग्रह स्थिति पर विश्लेषण करते है तो 2017 का वर्ष पूर्णतः सूर्य ग्रह के नियंत्रण में दिखाई देता है। जिसके फल स्वरूप चाहे सरकार द्वारा समय-समय पर समस्त आम जनता को सस्ती दरों पर आवास प्रदान करने की योजना हो या समस्त जरूरतमंद लोगों को 2022 तक आवास उपलब्ध कराना हो, ऐसी योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है।
सौर राशि कर्क के प्रभाव से जहाँ भावनात्मक संबंधों का सीधा योग दिखाई दे रहा है वहीं इसकी प्रगति के लिए भी शुभ संकेत की ओर इशारा करते हैं।
विमुद्रीकरण के पश्चात उत्पन्न गति अवरोध वर्तमान समय में भी जारी है परंतु आने वाले समय में कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है।
2017 के सितंबर महीने में जब बृहस्पति देव तुला राशि में प्रवेश करेंगे तब ख़ास तौर पर उम्मीद की किरणें इस क्षेत्र को दिखाई पड़ सकती है। सिंह राशि के साथ साथ राशि स्वामी सूर्य ग्रह से भी त्रि एकादश योग का निर्माण होने के कारण उत्तम स्थिति का निर्माण होगा जो कि ज्योतिषीय गणनाओं के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है, जिससे सर्व-जन सुखाय नीति की पुष्टि हो सकती है।
(उपरोक्त लेख मात्र वर्तमान स्थिति को समझने के लिए ज्योतिष संशोधन शोध का एक भाग है। इसके लेखक नवनीत ओझा ज्योतिष संशोधक एवं आध्यात्मिक साधक हैं। उपरोक्त व्यक्त किये गए विचार लेखक के अपने विचार हैं)