बेहतर क्वालिटी, नए अंतर्राष्ट्रीय मार्कीट मिलने और कम कीमत की वजह से भारत ने चीन को अंतर्राष्ट्रीय मार्कीट में पछाड़ दिया है। इससे भारत का हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है।
वित्त वर्ष 2016-17 में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट अपने 23,560 करोड़ रुपए के टारगेट से 970 करोड़ रुपए ज्यादा रहा है। टारगेट पूरा करने के अलावा हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट ने डबल डिजिट ग्रोथ भी दर्ज की है।
हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट टारगेट से ज्यादा
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ हैंडीक्राफ्ट (ई.पी.सी.एच.) को मिले आकंड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के लिए 23,560 करोड़ रुपए का टारगेट रखा गया था, लेकिन यह बढ़कर 24,530 करोड़ रुपए हो गया।
वित्त वर्ष 2015-16 में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट 21,557 करोड़ रुपए था और तब 6.85 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की थी। लेकिन वित्त वर्ष 2016-17 में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट में 13.79 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है।
चीन के मुकाबले भारत के प्रोडक्ट सस्ते
भारतीय एक्सपोर्टर चीन को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। भारतीय प्रोडक्ट्स की क्वालिटी चीन की तुलना में कई गुना बेहतर है। चीन की तुलना में भारत के प्रोडक्ट खासे सस्ते भी पड़ रहे हैं। उदाहरण के तौर अगर चीन का प्रोडक्ट अंतर्राष्ट्रीय मार्कीट में 3 डॉलर का पड़ता है, तो भारत के प्रोडक्ट की कीमत महज 2 डॉलर है।
भारत के 90 फीसदी प्रोडक्ट हाथ से बने होते हैं, जबकि चीन के 10 फीसदी प्रोडक्ट ही हैंडमेड होते हैं। ई.पी.सी.एच. के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि अभी तक हैंडीक्राफ्ट एक्सोपर्ट के लिए अमरीका, यूरोप, मिडिल ईस्ट बड़ा मार्कीट था लेकिन पिछले साल से चीन में बड़ा मार्कीट मिला है, यहां डिमांड बीते साल से 12 से 15 फीसदी अधिक है।
ट्रेड फेयर में हिस्सा लेने से बढ़े खरीदार
कुमार ने कहा कि देश-विदेश में होने वाले ट्रेड फेयर में हिस्सा लेने से विदेशी खरीदारों की संख्या और ऑर्डर दोनों बढ़े हैं। हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर के लिए ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, इटली,ग्रीस, स्पेन, यूके, यूरोप, अमरीका, कनाडा, चीन में बड़े खरीदार मिले हैं। यहां लाइफस्टाइल, फैशन और टेक्सटाइल, रग्स, ब्रास, गिफ्ट और डेकोरेटिव पीस, फर्नीचर, फैशन ज्वैलरी, बाथरूम एक्सेसरी, गार्डन डेकोरेटिव, सिल्क, जूट आदि प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ी है।
Source: Punjab Kesari