जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को हुई मीटिंग में सर्विसेज को (5%, 12%, 18% और 28%) टैक्स स्लैब में शामिल करने का फैसला लिया गया। हालांकि काउंसिल की दो दिवसीय मीटिंग के दूसरे दिन सोने पर जीएसटी की दरों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है।
सूत्रों के मुताबिक मीटिंग के दौरान सर्वसम्मति से हेल्थकेयर और एजुकेशन जैसी प्राइमरी सर्विसेज को छूट देने का फैसला लिया गया।
मीटिंग में मौजूद सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर सेवाओं पर टैक्स की दरें लगभग पहले की तरह बनी रहेंगी। यही नहीं कुछ सेक्टर्स में टैक्स की दरें कम भी हो सकती हैं। होटल में 5,000 रुपये प्रति नाइट रूम रेंट पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा।
केरल के मुख्यमंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि लग्जरी गुड्स पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। काउंसिल की अगली मीटिंग 3 जून को होगी। इससे पहले गुरुवार को जीएसटी काउंसिल ने कुछ चीजों को छोड़कर ज्यादातर वस्तुओं पर टैक्स की दरें निर्धारित की थीं।
किन सेवाओं पर क्या टैक्स स्लैब तय किया गया
1- हेल्थकेयर और एजुकेशन सेक्टर को राहत दी गई है। इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
2- एंटरटेनमेंट टैक्स का सर्विस टैक्स में विलय कर दिया गया है।
3- गुड्स, रेलवे और एयर ट्रांसपोर्ट पर 5% टैक्स लगेगा। यह जीएसटी की सबसे निचली दर है।
5- फोन बिल पर 18% चार्ज लगेगा।
6-1000 से कम किराए वाले होटल्स जीएसटी के दायरे से बाहर होंगे।
7- 2500-5000 किराए वाले होटल्स 18% टैक्स के दायरे में।
8- पांच हजार से ऊपर के किराए वाले फाइव स्टार होटल्स पर 28% टैक्स
9- नॉन एसी रेस्त्रां पर 12 फीसदी सर्विस टैक्स लगेगा
10- 1000-2500 वाले होटल्स पर 12 टैक्स
11- सोने के स्लैब पर 3 जून को विचार होगा।
12- ओला-ऊबर जैसी ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस पर 5% टैक्स लगेगा।