पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली व्यवस्था वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के मद्देनजर अब सेंट्रल बोर्ड ऑफ एंड एक्साइज कस्टम्स यानी सीबीईसी का नाम सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स यानी (सीबीआईसी) होगा.
सरकार की योजना पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने की है. नया बोर्ड पूरे देश में जहां इनडायरेक्ट टैक्स व्यवस्था पर नजर रखेगा, वहीं सरकार को जीएसटी से जुड़े कायदे-कानून बनाने में भी मदद करेगा. इसके अलावा आयात-निर्यात की सूरत में कस्टम ड्यूटी और पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर सेंट्रल एक्साइज लगाने का जिम्मा भी नए बोर्ड का होगा.
नयी व्यवस्था में 21 जोन और 101 जीएसटी टैक्स पेयर सर्विसेज कमिश्नरेट होंगे. इसके तहत 15 सब-कमिश्नरेट, 768 डिविडन, 3969 रेंजेंस, 49 ऑडिट कमिश्नरेंट्स और 50 अपीलेट कमीशनरेट्स होंगे. देशव्यापी स्तर पर फैली इस व्यवस्था का मकसद टैक्स देने वालों को हर तरह की सहूलियत मुहैया कराना है.
जीएसटी की तहत सूचना तकनीक की व्यवस्था को और मजबूत बाने के मकसद से डायरक्टरेट जनरल ऑफ सिस्टम्स को और मजबूत बनाया जा रहा है. दूसरी ओर प्रशिक्षण के लिए मौजूदा संगठन का नया नाम नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड नॉरकोटिक्स होगा. इसकी मौजूदगी पूरे देश में होगी. इसी तरह डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस का नाम डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स होगा. सरकार इस नए तंत्र के जरिए काले धन के खिलाफ मुहिम में और तेजी लाना चाहती है.
अब सबके मन में सवाल है कि जीएसटी के तहत टैक्स की दर क्या होगी. वैसे तो अधिकारियों का एक समूह इस काम में लगा है लेकिन अभी तक जो खाका खींचा गया है, उसके मुताबिक जीएसटी की चार दरें – 5, 12. 18 और 28 फीसदी- होगी. इसके मुताबिक
आम इस्तेमाल की बड़ी खपत वाले सामान पर जीएसटी की दर 5 फीसदी होगी.
- 12 और 18 फीसदी की दो स्टैंडर्ड रेट रखी गयी है. रोजमर्रा के सामान जैसे साबुन, शैंपू, शेविंग क्रीम वगैरह इस सूची में आ सकते हैं.
- 28 फीसदी की दर टीवी, फ्रिज जैसे व्हाइट गुड्स और सामान्य कारों के लिए होगी.
- एरिटेड ड्रिंक्स, पान मसाला, तंबाकू के उत्पाद और लग्जरी सामान पर जीएसटी की दर 28 फीसदी होगी, लेकिन इसके अलावा इन सामान पर सेस भी लगेगा. इन सामान पर कुल टैक्स की मौजूदा दर और 28 फीसदी के बीच के बराबर सेस लगेगा.
- मसलन, अभी यदि ऐसे किसी सामान पर केंद्र और राज्य के टैक्स को मिलाकर कुल 40 फीसदी की दर से टैक्स लगता है तो उस पर सेस की दर 12 फीसदी होगी. वैसे जीएसटी काउंसिल ने सेस की ऊपरी सीमा 15 फीसदी तय की है.
फिलहाल, अधिकारियो का समूह हर सामान के लिए दर को अंतिम रुप देगा. इस पर जीएसटी काउंसिल की मुहर जरुरी होगी जिसके बाद वो लागू हो सकेगा. काउंसिल की अगली बैठक 31 मार्च को होनी है जिसमें नियमों पर मंजूरी दी जानी है.
Source: ABPNews