वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर जीएसटी के असेसीज के डाटा की चाकचौबंद सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार तैयारी करने में जुट गई है।
इसी दिशा में एक और कदम उठाते हुए सरकार जीएसटी मॉडल कानून में तगड़ा प्रावधान करने जा रही है।
इस कानून के अमल में आने के बाद अगर कोई व्यक्ति असेसी से संबंधित सूचना लीक करता है तो उसे छह माह की सजा और 25 हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार ने जीएसटी मॉडल कानून के मसौदे की धारा 142 की उपधारा 4 में सरकार ने इस आशय का प्रावधान किया है।
जीएसटी कानून के तहत आंकड़े संग्रहीत करने वाला कोई भी व्यक्ति अगर असेसी (करदाता) के रिटर्न से संबंधित किसी तरह की सूचना लीक करता है तो उसे छह माह की सजा के साथ जुर्माना भरना पड़ेगा। जीएसटी मॉडल कानून के शुरुआती मसौदे में जुर्माने की राशि सिर्फ 1,000 रुपये थी।
इसे अब बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। जीएसटी काउंसिल की सातवीं बैठक में इस पर विचार किया था। पिछले हफ्ते हुई 10वीं बैठक में इसे अंतिम रूप से मंजूरी दे दी गई है। सूत्रों की मानें तो कानून मंत्रालय ने भी इस प्रावधान पर अपनी मुहर लगा दी है।
जीएसटी पोर्टल के माध्यम से वस्तु व सेवा कर के आंकड़े एकत्रित करने में जुटे जीएसटी अधिकारी या कोई अन्य कर्मचारी अगर जानबूझकर सूचनाओं को सार्वजनिक करता है, तो उसे यह सजा दी जाएगी।
माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम जीएसटी लागू होने पर डाटा की सुरक्षा के संबंध में जताई जा रही आशंकाओं के मद्देनजर उठाया है।
जीएसटी का प्रबंधन एक पोर्टल- जीएसटीएन के माध्यम से होगा, जो एक निजी कंपनी है। साथ ही कई स्तर पर इसमें निजी क्षेत्र के एजेंट भी होंगे। यही वजह है कि सरकार को ऐसा प्रावधान करने की जरूरत पड़ी है।
Source: Nai Dunia