खादी और विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन (KVIC) अपने 61 साल के इतिहास में पहली बार साबरमती आश्रम में आयोजित की जा रही मीटिंग में खादी के विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है।
केवीआईसी चेयरमेन विनय कुमार सक्सेना ने कहा है कि आश्रम में 27 फरवरी को होने जा रही 642वीं बैठक में केवीआईसी प्रबंधकों द्वारा लाखों कारीगरों के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकतें हैं। जिसमें उनके वेतन में वृद्धि आदि को शामिल किया जा सकता है।
सक्सेना ने कहा, “केवीआईसी की स्थापना को 61 वर्ष से भी अधिक समय हो गया है। लेकिन हम खादी के सबसे प्रमुख स्थान साबरमती आश्रम में एक भी बैठक आयोजित नहीं कर पाये हैं।”
यह पहली बार है जब केवीआईसी आश्रम इस तरह की एक बैठक का आयोजन करेगा।
उन्होंने कहा कि इस मासिक मीटिंग को 27 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। जिसमें कारीगरों के कल्याण से संबंधित अनेक सार्थक निर्णय ले लिये जाएगें।
साबरमती आश्रम को गांधी आश्रम के रूप में भी जाना जाता है। यह 1917 से 1930 के दौरान महात्मा गांधी का घर था।
सक्सेना ने कहा कि साबरमती आश्रम भारत में खादी आंदोलन का केंद्र था। यह बैठक, बापू का खादी के लिए समर्पण के प्रति हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है।