एमएसएमई मंत्रालय छोटे बारबर्स (बाल काटने वाले- नाई) के लिए एक एप्लीकेशन लाने की तैयारी कर रहा है। मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार यह एप्लीकेशन बारबर्स को उनके ग्राहकों के डेटा को व्यवस्थित ढंग से रखने में मदद करेगा।
एक समारोह में एमएसएमई सेक्रेटरी के.के. जालन ने कहा, “मंत्रालय एप्लीकेशन को विकसित कर रहा है। हमने ऐप के संदर्भ में पहले से ही कार्य शुरु कर दिया था। नाई इसके जरिए अपने ग्राहकों को बाल कटवाने के लिए उनके सेड्यूल को मेसेज के जरिए भेज सकते हैं। यह एप्लीकेशन बड़े नहीं बल्कि छोटे सैलून के लिए है।”
जालान ने कहा कि मिनिस्ट्री इसके लिए प्रसिद्ध हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब से ऐप की बेहतरी के लिए जानकारी ले रहा है।
जालान और हबीब ने छोटे व लघु कारोबारियों के लिए ब्यूटी व वेलनेस में सहयोग हेतु आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लिया। समारोह का आयोजन नेशनल इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया।
एक सवाल के जवाब में जालान ने कहा कि विमुद्रीकरण से एमएसएमई क्षेत्र प्रभावित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी पूर्ण रुप से कोई भी स्टडी विमुद्रीकरण के MSMEs पर प्रभाव को लेकर मौजूद नही हैं। कुछ अखबार A लिख रहे हैं तो कुछ B।
उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री ने कहा है कि नोटबंदी के दौरान कुछ सेक्टर्स में ग्रोथ हुयी है। जो यह दर्शाता है कि नोटबंदी का एमएमई सेक्टर पर कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ा हैं।
जालान ने कहा कि पहली बार आम बजट में एमएसएमई सेक्टर को स्पष्ट आवंटन मिला है।