MSME स्कीम के तहत 143 खादी इकाइयों को किया पुनर्जीवित: KVIC


खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने कहा है कि अप्रैल 2014 के बाद से उसने एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से 143 ख़त्म होने की कगार पर खड़ी खादी इकाइयों को फिर से पुनर्जीवित किया है। इस दिशा में 124 से भी अधिक इकाइयों के उत्पादन को शुरू करने के प्रयास आयोग की तरफ से किये […]


KVIC-22खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने कहा है कि अप्रैल 2014 के बाद से उसने एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से 143 ख़त्म होने की कगार पर खड़ी खादी इकाइयों को फिर से पुनर्जीवित किया है। इस दिशा में 124 से भी अधिक इकाइयों के उत्पादन को शुरू करने के प्रयास आयोग की तरफ से किये जा रहे हैं।

केवीआईसी चेयरमेन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि समाप्ति की कगार पर खड़े खादी संस्थानों को रिवाइव करने के लिए उचित कदम उठाये जा रहे हैं जो कि कम मजदूरी, चरखा व यूनिटों के लिए फंड़ की कमी और नए बाजार के न होने की वजह से बंद पड़े थे।

सक्सेना ने कहा, “2011 तक, कुल 267 खादी संस्थान बंद हो चुके थे। केवीआईसी ने एमएसएमई मंत्रालय की सहायता से इन संस्थाओं को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर चूका है। जिसके लिए 143 संस्थानों व पुराने चरखा और करघों को बदलने के लिए 7.23 करोड़ रुपये जारी किये गए।”

सक्सेना ने आगे कहा कि योजना के चरणबद्ध तरीके से शेष 124 संस्थानों को पुनर्जीवित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 89 और 63 नई खादी संस्थाओं को क्रमशः 2015-16 और 2016-17 में रजिस्टर हुई हैं। इन इकाइयों ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है।

2 अक्टूबर को केवीआईसी ने नई खादी संस्थाओं के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल “खादी संस्थाओं का पंजीकरण व प्रमाणन सेवा” (Khadi Institutions Registration and Certification Sewa or KIRCS) शुरू किया है।

खादी विलेज इंडस्ट्री कमीशन ने कहा है कि 2 अक्टूबर 2016 से 20 जनवरी 2017 तक 143 संस्थानों ने अपने रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया है।

Shriddha Chaturvedi

ख़बरें ही मेरी दुनिया हैं, हाँ मैं पत्रकार हूँ

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