एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने महिला उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने व बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने के उद्देश्य से बैकों से कहा है कि वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, विशेष रूप से महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को कर्ज देने में रियायत बरतें।
इंडियन एसएमई फोरम और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा मिलकर आयोजित की गयी वुमन एंटरप्रेनर्स मीट “शक्ति” का उद्घाटन करते हुए कलराज ने कहा कि बैंक बिना किसी जमानत सुरक्षा के एमएसएमई को 2 करोड़ रुपये तक का उधार दे सकते हैं। जो कि एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड के तहत आता है।
उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की तकनीकी व्यवहार्यता का ध्यान से मूल्यांकन किया जाना चाहिए वहीं परामर्श सेवाओं को महिला व्यापारियों के सामने भी पेश किया जाना चाहिए।
मंत्री ने बताया कि NBFCs और राज्य वित्तीय निगम अब क्रेडिट गारंटी योजना के तहत एमएसएमई के लिए कर्ज दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो एमएसएमई डिजिटल ट्रांजेक्शन करेंगी, वो अब कर्ज में अपने टर्न ओवर का 30 प्रतिशत उधार ले सकती हैं। वर्किंग कैपीटल के लिए यह सीमा पहले 20 फीसदी थी।
उन्होंने आगे कहा की महिला उद्यमियों के लिए सरकार ने कई सारी योजनाओं की घोषणा की है। जिनका उपयोग करके महिला उद्यमियों को अपनी MSME इकाई को स्थापित करना चाहिए।
मिश्र ने कहा कि एमएसएमई इकाइयों के लिए रिवाइवल एंड रिहैबिलिटेशन (पुनरुद्धार और पुनर्वास) भी बहुत जरूरी है इसलिए राज्यों को केंद्र सरकार के साथ मिलकर इसके लिए काम करना होगा।
Director of Industries व CEO of AP Invest कार्तिकेय मिश्रा ने कहा है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने साल 2020 से 2015 के लिए एमएसएमई नीति तैयार कर चुकी है, जिसमें निर्णय लिया गया है कि 175 विधानसभा सीटों में से प्रत्येक में कम से कम एक एमएसएमई पार्क स्थापित किया जाए। उन पार्कों में कुछ विशेष रूप से महिला उद्यमियों के लिए आवंटित किया जायेंगे।
छह सौ महिला उद्यमियों ने संगोष्ठी में भाग लिया वहीं चार महिला उद्यमियों को इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिया गया।