बर्लिन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जर्मनी यात्रा के दौरान मंगलवार को 8 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत-जर्मनी के बीच आर्थिक रिश्ते में क्वांटम जंप आया है। दोनों देशों के बीच ट्रेड, स्किल डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी सहित आंतकवाद के क्षेत्र बातचीत हुई।
आज हुए समझौते से मोदी के मेक इन इंडिया को बूस्ट मिलेगा
दोनों देशों ने ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया।
मोदी ने कहा – हमारे रिश्ते क्षेत्रीय और वैश्विक नजरिए से महत्वपूर्ण।
मोदी ने कहा – हम ने एशिया, यूरोप और दुनिया में सामने आने आने वाली चुनौतियों और संभवानाओं पर चर्चा की।
मोदी ने कहा जर्मन मतबूत भारत का देखना चाहता
मोदी ने समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद एक इंटरेक्शन में कहा कि दोनों देशों के बीच विकास को लेकर रिश्ते तेजी से बढ़ रहे हैं। यह सही डायरेक्शन में और निश्चित दिशा में हैं। मोदी ने कहा कि जर्मन हमेशा चाहता है कि भारत एक पावरफुल और कैपेबिल पार्टनर हो। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर वार्ता हुई। इंडिया-जर्मनी पार्टनरशिप से न केवल भारत को फायदा होगा, बल्कि यह दुनिया के लिए भी अच्छी साबित होगी।
भारत एक जिम्मेदार पार्टनर
जर्मन चांसलर मर्केल ने कहा कि भारत ने साबित किया है कि वह एक जिम्मेदार पार्टनर है। हम दोनों सहयोग को बढ़ा सकते हैं।
संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया
दोनों देशों ने वार्ता के बाद एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया। इसमें साइबर पॉलिटिक्स पर ध्यान देना, विकास के काम, सस्टेनेबल शहरी विकास, स्किल डेवलपमेंट सहित डिजिटाइजेशन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
दौरे से पहले इन क्षेत्रों पर सहयोग की उम्मीद जताई थी मोदी ने
मोदी ने जर्मनी जाने से पहले अपने फेसबुक पेज पर उम्मीद जताई है कि इस उनके दौरे के दौरान कई सारे समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। इसमें ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट, सिक्युरिटी एंड काउंटर टेररिजम, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, स्किल डेवलपमेंट, शहरी विकास, रेलवे एंड सिविल एविएशन, क्लीन इनर्जी, हेल्थ एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन सहित कई विषयों पर समझौते हो सकते हैं।
यूरोपियन यूनियन में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है जर्मनी
यूरोपियन यूनियन (ईयू) में शामिल देशों में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। इसके इलावा भारत में सबसे ज्यादा एफडीआई (फारेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) जर्मनी से ही आता है। भारत में जर्मनी की 1600 कंपनियों के अलावा 600 संयुक्त परियोजनाओं पर काम चल रहा है। जर्मनी मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया सहित कई परियोजनाओं पर सहयोग कर रहा है।
Source: Money Bhaskar