SME एक्सचेंज का उद्देश्य SMEs को अधिक लाभ, बेहतर वैल्यूएशन और कम्पनी स्ट्रक्चर: अजय ठाकुर, हेड, बीएसई एसएमई


बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने सेबी द्वारा निर्धारित नियमों तथा विधानों के तहत बीएसई एसएमई (BSE SME) प्लेटफार्म की स्थापना 2012 में की थी। बीएसई, SMEs को एक नियामित तथा संगठित सेक्टर के तौर पर सूचिबद्ध होने का मौका उपलब्ध करवाता है। SME सूचिबद्ध कंपनियां बीएसई एसएमई प्लेटफार्म के माध्यम से अपने विकास के लिए वित्त बाजार […]


Ajay Thakurबॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने सेबी द्वारा निर्धारित नियमों तथा विधानों के तहत बीएसई एसएमई (BSE SME) प्लेटफार्म की स्थापना 2012 में की थी। बीएसई, SMEs को एक नियामित तथा संगठित सेक्टर के तौर पर सूचिबद्ध होने का मौका उपलब्ध करवाता है।

SME सूचिबद्ध कंपनियां बीएसई एसएमई प्लेटफार्म के माध्यम से अपने विकास के लिए वित्त बाजार में प्रवेश कर सकती हैं। बीएसई एसएमई इन छोटी तथा मध्यम आकार की कंपनियों को उनके विकास तथा विस्तार के लिए इक्विटी पूंजी जुटाने में सहायता देता है, जिससे कि वे अपना विकास पूर्ण विकसित कंपनियों के रूप में कर सके। इसके साथ ही ये कंपनियां एक निश्चित समयावधि में, निर्धारित नियमों तथा विधानों के तहत, बीएसई के मेन बोर्ड में भी स्थानांतरित हो सकती हैं।

SMEpost.com ने BSE SME के हेड अजय ठाकुर से विस्तार से BSE के SME प्लेटफार्म पर बातचीत की और उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जाना।

पेश है बातचीत के मुख्य अंश-

Q: वर्ष 2016 बीएसई एसएमई प्लेटफार्म के लिए बहुत अच्छा रहा है? आप इस साल को किस तरह से देखतें हैं?

A: 2012 में हमने BSE SME प्लेटफार्म की शुरुआत की थी उस समय इसके लिए कुछ नए रूल्स और रेगुलेशन बनाये गए थे।  लेकिन जो पहले का इतिहास था वो अच्छा नहीं था।  इन्हीं गाइड लाइन्स पर OTC एक्सचेंज शुरू किया गया था और वो सफल नहीं रहा था। इसीलिए लोगों में ये शंका थी कि शायद ये SME एक्सचेंज भी सफल न हो।

लेकिन 2012 से लेकर अब तक हर साल हमारे लिए बेहतर होता चला गया। जैसे 2012 में जितनी कम्पनियां लिस्ट हुईं, अगले साल उससे ज्यादा लिस्ट हुईं और फिर उसके अगले साल उससे भी ज्यादा। और अब ये 2017 सबसे अच्छा होगा हमारे लिए।  इसके 2 कारण हैं- पहला ये कि हमने पूरे देश में SME एक्सचेंज को लेकर जागरूकता फैलाई है। दूसरा, हमारे प्लेटफार्म पर हर राज्य से कम्पनियां लिस्ट हुई हैं।

इसलिए जब लोगों ने देखा कि पूरे देश से कारोबारी इसका फ़ायदा उठा रहे हैं तो सबके मन में विश्वास बढ़ा और सबने इसका फ़ायदा उठाने की कोशिश की। साथ ही मर्चेंट बैंकर्स की संख्या भी बढ़ी, जो मर्चेंट बैंकर्स SME प्लेटफार्म पर कम्पनियों को लेकर आते हैं, उनमें भी डर कम हुआ। इसलिए हमने एक पूरा इको सिस्टम विकसित किया है जिसकी वजह से हमें फायदा हुआ और लगातार कम्पनियां बढती गई हैं।

Q: जैसा कि आपने बताया की साल दर साल BSE SME प्लेटफार्म पर कम्पनियों की संख्या बढती गई है। साल 2017 में इसी सफ़लता को बनाये रखने के लिए आप क्या स्ट्रेटेजी अपना रहें हैं?

A: हमारी स्ट्रेटेजी होगी कि हम अपने वर्कफोर्स को और बढ़ाएंगे। हम पूरे देश में SMEs के पास जाकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाएँगें। हम दक्षिण भारत में ज्यादा काम करने की कोशिस करेंगें क्योंकि वह से ज्यादा कम्पनियां लिस्टेड नहीं हो पायी हैं।

हम अपने प्रमोटर्स का अनुभव दूसरे प्रमोटर्स के साथ शेयर करेंगे। प्रमोटर्स दूसरे प्रमोटर्स के अनुभवों से बहुत कुछ सीख सकते हैं और इससे उनका विश्वास भी बढेगा। हम अधिक से अधिक अपनी नेटवर्किंग का उपयोग करेंगे।

अभी BSE SME प्लेटफार्म पर 165 कम्पनियां लिस्टेड हैं। जून तक इसे 200 तक पहुँचाना हमारा लक्ष्य है।

Q: साल 2016 में BSE SME प्लेटफार्म पर कितनी कम्पनियां लिस्टेड हुईं और किस कम्पनी ने सबसे अच्छा परफॉर्म किया और अधिकतम सब्सक्रिप्शन प्राप्त किये?

A: BSE SME प्लेटफार्म पर सब्सक्रिप्शन को लेकर कम्पनियों से बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है। पहले अधिकतर कम्पनियां डेढ़ गुना या 2 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब नहीं होती थी। लेकिन 2016 से इसमें बदलाव आने लगा इसके कुछ प्रमुख कारण थे, जैसे कि लोगों ने देखा कि लिस्टिंग के बाद से SMEs का बिज़नस बढ़ा है, लाभ बढ़ा है, इसीलिए उनकी वैल्यूएशन भी बढ़ी है। इन्हीं वजहों से इन्वेस्टर्स में भी विश्वास बढ़ा। और फिर 2016 से सब्सक्रिप्शन बढ़ता गया, औसतन 5 गुना से लेकर 20 गुना तक। अभी हाल ही में एक कम्पनी है – सुपरफाइन नेटवेयरस – जो कि 24 टाइम्स सब्सक्राइब हुई है। इसीलिए SMEs के लिए लोगों के मन विश्वास बढ़ा है।

सबसे बड़ा बदलाव SME प्लेटफार्म से प्रमोटर्स के बिज़नस को देखना का नजरिया बदला है। इस बदलाव की वजह से SMEs का बिज़नस बढ़ा है जिससे रोजगार भी बढ़ा है। SMEs पे विश्वास बढ़ा है।

Q: ऐसे कौन से सेक्टर्स है जो लिस्टिंग की तरफ ज्यादा रुझान दिखा रहे हैं और कौन से सेक्टर्स पीछे हैं?

A: जहाँ तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का सवाल है तो अभी तक लगभग 18 सेक्टर्स से कम्पनियां लिस्टेड हो चुकी। वहीँ सर्विस सेक्टर, कृषि, आईटी और हॉस्पिटैलिटी से भी कम्पनियां लिस्टेड हुईं हैं। इसलिए ऐसा कोई विशेष सेक्टर नहीं है लेकिन हाँ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से सबसे अधिक कम्पनियां लिस्टेड हुई हैं।bse-kGGE--621x414@LiveMint

लगभग 24 सेक्टर्स से कम्पनियां BSE SME प्लेटफार्म पर आई हैं, उनमें सबसे अधिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से हैं, उसके बाद सर्विस सेक्टर से।

Q: क्या सेक्टर्स की तरह ही राज्यवार भी विविधता है?

A: अभी तक अगर देखें तो महाराष्ट्र और गुजरात से सबसे अधिक कम्पनियां आ रही हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे दूसरे राज्यों जैसे राजस्थान आदि से भी कम्पनियां लिस्टेड होनी शुरू हुई हैं।

Q: जो राज्य लिस्टिंग में अच्छा नहीं कर रहे हैं उसके पीछे क्या कारण हैं और किस तरह से वहाँ से लिस्टिंग बढ़ाई जा सकती है?

A: सबसे पहले तो प्रमोटर्स को आगे आना होगा। उनको अपना विज़न सामने रखना होगा। दूसरे कम्पनियों के अन्दर जो डर है कि लिस्टिंग करने से अनुपालन लागत (Compliance cost) बढ़ जाएगी उसे दूर करना होगा। हम भी उन तक पहुँच रहे हैं जिससे कि उनको लाभ बता सकें और उनका डर ख़त्म हो सके।

Q: आईपीओ (IPO) लिस्टिंग कराने के बाद एक कम्पनी में किस तरह के बदलाव आते हैं?

A: जब किसी SME कम्पनी की लिस्टिंग होती है तो सबसे पहले उसे 6 महीने में बैलेंस शीट फाइल करनी होती है। उससे कम्पनी में ट्रांसपेरेंसी दिखती है। दूसरे, कम्पनी का ध्यान लाभ अर्जित करने की तरफ जाता है, क्योंकि जैसे-जैसे कम्पनी का लाभ बढेगा वैसे ही कम्पनी की वैल्यूएशन भी बढ़ेगी। इसलिए कम्पनी का बिज़नस मॉडल ऐसा होता है जिससे कि वो लाभ अर्जित मॉडल बिज़नस बने।

जहाँ तक फंक्शनल डेलीगेशन का सवाल है तो वहाँ भी डेलीगेशन देने प्रमोटर्स का रुझान बढ़ता है। CFO से लेकर HR तक, सभी को लेकर आते हैं। जिसकी वजह से कम्पनी का स्ट्रक्चर बेहतर होता है और कम्पनी लाभ अर्जित करती है।

Q: क्या BSE SME प्लेटफार्म SMEs को कुछ इंसेंटिव भी देता है जिससे की कम्पनियां लिस्टिंग की तरफ आकर्षित हों?

A: BSE SME प्लेटफार्म पर SMEs के लिए फ़ीस काफी कम है, पूरे साल की लिस्टिंग फीस 25000 या मार्केट कैपिटल का 0.01%, दोनों में से जो भी अधिक है।

हम कम्पनियों की हैण्डहोल्डिंग भी करते हैं, किसी भी रूल या फंक्शन को समझना हो तो हम गाइड करते हैं उन्हें। इसलिए हम कई स्तरों पर उनकी मदद करते हैं।

BSE SME

Q: डिजिटल और मीडिया प्लेटफार्म से किस तरह से आईपीओ लिस्टिंग के लिए जागरूकता फैला रहे हैं?

A: BSE को अगर SME प्लेटफार्म के लिए जागरूकता फैलानी है तो बिना डिजिटल और मीडिया प्लेटफार्म की सहायता के बिना यह संभव नहीं है। क्योंकि इतने बड़े देश में मीडिया के जरिये ही लिस्टिंग के फायदे बताये जा सकते हैं। और डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये हम सभी उद्यमियों तक पहुँच सकते हैं। इसलिए डिजिटल और मीडिया, दोनों प्लेटफार्म के जरिये हम जागरूकता फैलायेंगे और SMEs को लिस्टिंग के लिए उत्साहित करेंगें।

Q: फंडिंग SMEs की सबसे बड़ी समस्या रही है हाल के दिनों में कुछ वित्तीय मदद जरूर बढ़ी है लेकिन अभी भी अधिकतर SMEs वित्तीय कमी से जूझ रही हैं इसे कैसे दूर किया जा सकता है?

A: मैं पूरी तरह से इस बात से इत्तफ़ाक नहीं रखता कि SMEs को वित्तीय मदद मिलने में दिक्कत होती है। आज अगर आप देखें तो लगभग 12.5% की दर से सालाना SMEs के लिए बैंक फंड बढ़ा है। अगर किसी भी कम्पनी का प्रपोजल अच्छा है तो उन्हें फंड बैंक देता है। मुद्रा योजना और सिडबी की तरफ से भी छोटे और लघु उद्योगों के लिए वित्तीय मदद बढ़ी है।

इसके साथ ही प्रमोटर्स को भी ये ध्यान रखना होगा की उनका बिज़नस मॉडल लॉजिकल हो और उसमें प्रॉफिट हो। तीसरी बात, BSE SME प्लेटफार्म के तहत इक्विटी रेज करने में आसानी हो गई है। इसके तहत छोटे और लघु उद्योगों को इक्विटी फंड का एक्सेस आसन हो गया है। इसलिए इन सारे चैनल्स के तहत अब फंड पहले की अपेक्षा आसानी से मिल सकता है।

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