नई दिल्ली। सरकार लोकसभा, राज्यसभा या किसान चैनल की तर्ज पर छोटे कारोबारियों के लिए अलग टीवी चैनल शुरू करने पर विचार कर रही है। यह प्रस्ताव सरकार द्वारा एमएसएमई पॉलिसी बनाने के लिए गठित एक सदस्यीय कमेटी ने रखा है। इस प्रस्ताव पर 28 अप्रैल को होने वाली बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा। यह बैठक मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज ने बुलाई है, जिसमें सभी राज्यों के सचिव और मिनिस्टर शामिल होंगे। बैठक में रूरल एरिया में बिजनेस जोन, इंटिग्रेटिड बिजनेस पार्क जैसे प्रस्तावों पर भी विचार किया जाएगा।
उद्यम भारत चैनल
पिछले साल केंद्र सरकार ने झारखंड के पूर्व राज्यपाल प्रभात कुमार की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिन्हें एमएसएमई सेक्टर के लिए पॉलिसी बनाने का काम सौंपा गया। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मिनिस्ट्री को सौंप दी है। मिनिस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, प्रभात कुमार की रिपोर्ट पर आगामी 28 अप्रैल को सभी राज्यों के एमएसएमई, खादी व क्वॉयर डिपार्टमेंट के सेक्रेट्रीज और मिनिस्टर की बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि राज्यसभा या लोकसभा चैनलों की तर्ज पर उद्यम भारत चैनल की शुरुआत की जाए। इसमें एमएसएमई सेक्टर के लिए चलाई जा रही सरकारी, गैर सरकारी योजनाओं के बारे में बताए जाए। साथ ही, सफल उद्यमियों के बारे में भी विस्तार से बताया जाए।
रूरल बिजनेस जोन बनें
प्रभात कुमार कमेटी द्वारा छोटे कारोबारियों के लिए रूरल बिजनेस जोन बनाने की सिफारिश पर भी बैठक में चर्चा होगी। कमेटी का प्रस्ताव है कि रूरल एरिया में कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए रूरल बिजनेस जोन (आरबीजेड) बनाए जाएं। इससे पहले हर रूरल एरिया में सर्वे किया जाए, वहां किस तरह के बिजनेस की संभावना है और वहां किस तरह के स्किल्ड वर्कर्स उपलब्ध हो सकते हैं।
इंटिग्रेटिड बिजनेस पार्क बनाने की सिफारिश
छोटे कारोबारियों की सबसे बड़ी दिक्कत होती है, कारखाने के लिए जमीन का इंतजाम। पिछले कुछ सालों में जमीन की कीमतें जिस तेजी से बढ़ी हैं, उससे छोटे कारोबारियों के लिए यह दिक्कत और बढ़ गई है। ऐसे में प्रभात कुमार कमेटी की सिफारिश है कि हर शहर में इंटिग्रेटिड बिजनेस पार्क बनाए जाएं। जहां हर तरह की सुविधा सरकार या पीपीपी मोड पर उपलब्ध कराई जाए। जो कारोबारी वहां अपना कारोबार शुरू करना चाहता है, वह सारी सुविधाओं के साथ जाते ही काम शुरू कर सके। एमएसएमई मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के मुताबिक, यह एक बड़ा अच्छा सुझाव है, इसे राज्यों के मंत्रियों के समक्ष रखा जाएगा और सहमति मिलने के बाद इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।
मुद्रा योजना की सीमा 25 लाख करने का प्रस्ताव
28 अप्रैल को रही इस बैठक के एजेंडे में प्रभात कुमार कमेटी की उस सिफारिश को भी शामिल किया गया है, जिसमें कहा गया है कि मुद्रा स्कीम की क्रेडिट लिमिट बढ़ाई जाए। शिशु स्कीम के तहत अभी 50 हजार रुपए का लोन मिलता है। प्रस्ताव है कि इसे बढ़ा कर 1 लाख् किया जाए। इसी तरह किशोर स्कीम के तहत 50 हजार रुपए से 5 लाख रुपए तक के लोन की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख से 10 लाख रुपए और तरूण स्कीम के तहत लोन की लिमिट 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए की जाए।”,
Source: Money Bhaskar