Startup: डीआईपीपी ने स्टार्टअप्स के लिए माँगा अतिरिक्त फण्ड


कॉमर्स मिनिस्ट्री के अंतर्गत कार्य करने वाले और स्टार्टअप के लिए देश में नोडल एजेंसी, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने वित्त मंत्रालय से वित्तीय-वर्ष 2017-18 में स्टार्टअप के लिए फंड आफ फंड्स फॅार स्टार्टअप्स के तहत (एफएफएस) अतिरिक्त $ 247.7 मिलियन (1,600 करोड़ रूपये) जारी करने की मांग की है। भारतीय प्रतिभूति एवं […]


startup_fundi_2904512gकॉमर्स मिनिस्ट्री के अंतर्गत कार्य करने वाले और स्टार्टअप के लिए देश में नोडल एजेंसी, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने वित्त मंत्रालय से वित्तीय-वर्ष 2017-18 में स्टार्टअप के लिए फंड आफ फंड्स फॅार स्टार्टअप्स के तहत (एफएफएस) अतिरिक्त $ 247.7 मिलियन (1,600 करोड़ रूपये) जारी करने की मांग की है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ पंजीकृत विभिन्न वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) में योगदान के लिए फंड ऑफ फंड्स योजना को मंजूरी दी गई थी। केंद्र सरकार द्वारा स्टार्टअप को सशक्त करने के लिए शुरु की गयी योजना के तहत जनवरी 2016 में स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान के अनुरूप स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता देने के मकसद से इसका प्रारंभ किया गया था।

मार्च 2017 तक, स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड योजना के जरिए 62 स्टार्टअप में निवेश करने के मकसद से 17 एआईएफ के लिए 96.4 मिलियन (623 करोड़ रूपये) दिया जा चुका है। इन 17 फंड्स की कुल राशि 1.18 अरब रुपये (INR 7,675 करोड़) है। 31 मार्च 2017 तक इसने 5.2 डॉलर (33.63 करोड़ रूपये) का वितरण किया है। इसके अलावा  डीआईपीपी ने 798 आवेदकों को स्टार्टअप कीमान्यता भी दी है।

डीआईपीपी स्टार्टअप की परिभाषा के तहत अधिक से अधिक स्टार्टअप को शामिल करने और स्टार्टअप इंडिया के तहत लाभों को जल्द से जल्द प्राप्त करवाने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रहा है। इसी क्रम में हाल ही में स्टार्टअप की परिभाषा बदलकर अब स्टार्टअप की मान्यता के लिए उसकी आयुसीमा 5 से बढ़ाकर 7 वर्ष कर दी गई है।

Shriddha Chaturvedi

ख़बरें ही मेरी दुनिया हैं, हाँ मैं पत्रकार हूँ

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