गुजरात सरकार ने कहा है कि उसने वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन के दौरान 25,578 ज्ञापन (MoUs) साइन कियें हैं। लेकिन फिलहाल सरकार ने इस बात का ऐलान नहीं किया है कि राज्य में एमओयू के जरिए कितना निवेश आयेगा।
2015 में आयोजित हुए शिखर सम्मेलन में राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि उसने 22,602 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए थे, जिनसे राज्य में 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश पैदा होगा। लेकिन सरकार ने इस बार निवेश बताने की परम्परा को बदल दिया है।
गुजरात उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि हमने समारोह के तीन दिन में 25, 578 सहमति पत्रों पर करार किया है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्रा मोदी ने किया गया था।
पटेल ने कहा कि इन एमओयू की संख्या पिछली बार साइन हुए मेमोरेंड़म से 2500 अधिक है। इनमें से 52 एमओयू से लगभग 4000 करोड़ रुपये का निवेश राज्य को मिलेगा।
उन्होंने कहा, “हमने सबसे अधिक 18533 मेमोरेंड़म एमएसएमई क्षेत्र में साइन किये हैं। इनमें बड़े पैमाने पर कार्य करने वाले उद्योग 5983 है। शेष 1,107 स्ट्रेटेजिक भागेदारी में हैं।”
मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने समिट को एक बड़ी सफलता बताया है।
उन्होंने कहा, “इससे पहले के वाइब्रेंट शिखर सम्मेलनों के दौरान हस्ताक्षर किए गए सहमति पत्रों (MoUs) में से 20 फीसदी मेमोरेंड़म का इम्प्लीमेंटेशन न हो पाने की वजह से गुजरात सरकार की बहुत से वर्गों ने आलोचना की है। लेकिन मैं इसको नकारात्मक रूप में नहीं लेता हूँ क्योकि जो लोग हमारी आलोचना कर रहे है, उन्हें विश्वास है की हम 100 फीसदी रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं।”
इस अवसर पर उपस्थित रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा, “यह शिखर सम्मेलन स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर गुजरात के युवाओं को एक सच्चा सलाम है। स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को देश नेशनल यूथ डे (राष्ट्रीय युवा दिवस) के रूप में मनाता है।