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98% छोटे कारोबारियों को नहीं मिलेगा टैक्स छूट का फायदा, केवल कंपनियों को राहत

अगर आप छोटे कारोबारी हैं, आपकी सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपए से कम है और आपको लगता है कि बजट में आपके लिए इनकम टैक्स में 5 फीसदी की छूट दी गई है तो ऐसा नहीं है। हो सकता है कि यह छूट आपके लिए न हो। फाइनेंस बिल 2017 में स्पष्ट किया गया है कि 5 फीसदी छूट उसे मिलेगी, जो डोमेस्टिक कंपनी हो। यानी कि अगर आप प्रोपराइटर हैं या आपकी पार्टनरशिप फर्म है तो आपको 30 फीसदी ही टैक्स देना होगा।

2 फीसदी को होगा फायदा

इंटिग्रेटिड एसोसिएशन्स ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (आईएम एसएमई) ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला ने बताया कि देश भर में लगभग 4.5 करोड़ एमएसएमई हैं, जिसमें से केवल 6 लाख 94 हजार कंपनियां हैं और उनसे 6 लाख 67 हजार कंपनियों की टर्नओवर 50 करोड़ रुपए से कम हैं और उन्हें ही 5 फीसदी छूट का फायदा मिलेगा।

छोटे कारोबारियों को राहत नहीं

चावला ने कहा कि नोटबंदी की वजह से छोटे कारोबारी सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कई दिन तक उनके कारोबार बंद से रहे। वर्कर्स की बड़ी दिक्कत हुई, इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि बजट में उनके लिए कोई विशेष घोषणा की जाएगी, परंतु ऐसा नहीं हुआ। बजट भाषण से लगा था कि छोटे कारोबारियों को टैक्स में 5 फीसदी की छूट दे दी गई है, लेकिन फाइनेंस बिल में स्पष्ट हुआ कि छूट केवल कंपनियों को दी गई है।

इन्हें मिली है छूट

सीनियर चार्टर्ड एकाउंटेंट संगीत गुप्ता का कहना है कि फाइनेंस बिल में स्पष्ट किया गया है कि इनकम टैक्स में छूट केवल उन डोमेस्टिक कंपनियों को ही दिया जाएगा, जिनकी साल 2015-16 की टर्नओवर 50 करोड़ रुपए से कम होगी। उन्होंने माना कि ज्यादातर छोटे कारोबारी प्रॉपराइटर या पाटर्नरशिप फर्म के तौर पर काम करते हैं और उन्हें इनकम टैक्स की छूट का फायदा नहीं मिलेगा।

कैश पेमेंट की लिमिट कम हुई  

चावला ने कहा कि बजट में कारोबारियों की कैश लिमिट कम कर दी गई है। पहले कारोबारियों को कोई पेमेंट करनी होती थी तो वे 20 हजार रुपए तक की कैश पेमेंट कर सकते थे, लेकिन अब इसे कम करके 10 हजार रुपए कर दिया गया है। इससे छोटे कारोबारियों की काफी परेशानी होगी। क्‍योंकि अभी भी कई लोग चेक से पेमेंट लेने में आनाकानी करते हैं, इसलिए कारोबारियों को दिक्‍कत होगी, जैसे कि ट्रांसपोर्टर कैश मांगते हैं तो 10 हजार रुपए से अधिक भाड़ा होने पर कारोबारियों के लिए समस्‍या हो जाएगी। चावला ने कहा कि फाइनेंस मिनिस्‍टर को इस पर विचार करना चाहिए।

Source: Money Bhaskar