गुजरात: 120 करोड़ से मांगरोल में बना राज्य का सबसे बड़ा कॉटन स्पिनिंग यार्न


कॉटन स्पिनिंग को बढ़ावा देने के लिए सूरत वणकर सहकारी संघ ने मांगरोल तहसील के दिणोद गांव में 120 करोड़ से 16.92 एकड़ जमीन पर कॉटन स्पिनिंग प्रोजेक्ट साकार किया है। यह जानकारी देते हुए मंडली के प्रमुख रजनी बचकानीवाला ने बताया कि 1 जून को इस प्रोजेक्ट का गुजरात राज्य के सहकार विभाग के […]


textile sectorकॉटन स्पिनिंग को बढ़ावा देने के लिए सूरत वणकर सहकारी संघ ने मांगरोल तहसील के दिणोद गांव में 120 करोड़ से 16.92 एकड़ जमीन पर कॉटन स्पिनिंग प्रोजेक्ट साकार किया है। यह जानकारी देते हुए मंडली के प्रमुख रजनी बचकानीवाला ने बताया कि 1 जून को इस प्रोजेक्ट का गुजरात राज्य के सहकार विभाग के मंत्री ईश्वर सिंह पटेल उद्घाटन करेंगे।

रजनी की माने तो 30-35 साल पहले सूरत टेक्सटाइल मिल के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा को-ऑपरेटिव सेक्टर का प्रोजेक्ट है, जिसे वनकर सहकारी संस्था शुरू कर रही है।

वर्तमान में पूरे गुजरात राज्य में किसी सहकारी संस्था का इतने बड़े पैमाने पर कोई भी प्रोजेक्ट नहीं है।

बचकानीवाला ने बताया कि गुजरात सरकार ने वर्ष 2012 में टेक्सटाइल पॉलिसी बनाई थी, जिसके तहत 25 करोड़ की लागत से टेक्सटाइल पार्क बनाया गया है, इसमें सरकार ने 10 करोड़ की ग्रांट दी है।

इस पॉलिसी का लाभ सूरत वणकर सहकारी संघ को भी मिला है। पॉलिसी 2017 में खत्म हो हो रही है। उम्मीद है कि सरकार इस पॉलिसी को आगे बढ़ा सकती है। 70 साल से चल रही इस मंडली का उद्देश वीवर्स को श्रेष्ठ और मार्केट से सस्ता यार्न देना है।

30 हजार स्पिंडल का लक्ष्य

कॉटन स्पिनिंग प्रोजेक्ट 30 हजार स्पिंडल का है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ही यार्न का प्रोडक्शन शुरू कर दिया गया था और बिक्री भी शुरू कर दी गई थी।

प्लांट से प्रतिदिन 17 मीट्रिक टन से अधिक उत्पादन करने का लक्ष्य है। इस 120 करोड़ के प्रोजेक्ट में 70 प्रतिशत लोन लेकर प्रोजेक्ट को पूरा किया गया है।

चाइना में एक्सपोर्ट शुरू

प्रोजेक्ट में ट्रायल बेस पर कॉटन का उत्पादन करना शुरू कर दिया गया है। उत्पादन होने कॉटन की क्वालिटी अंतरराष्ट्रीय स्तर की है। इसलिए उद्घाटन से पहले ही चाइना में कॉटन एक्सपोर्ट किया गया है। पाक और कोलंबिया से भी ऑर्डर मिल चुके हैं।

170 को मिल चुका है रोजगार

प्रोजेक्ट से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। 170 कर्मचारियों में से करीब 35 से 40 महिला कर्मचारी भी हैं। टेक्सटाइल पार्क के प्रोजेक्ट को बनाने में 14 माह लगे। जहां टेक्सटाइल पार्क बनाया, वहां पहले तालाब था, जिसे पाटने में करीब 2 से 3 माह लग गए।

इसके बावजूद सिर्फ 14 माह में टेक्सटाइल पार्क बनाया गया।

Source: Bhaskar.com

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