जनधन स्‍कीम और NPA पर सरकारी बैंकों से रिपोर्ट लेंगे जेटली, 12 जून को मीटिंग


फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली 12 जून को सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगे। जेटली बैंक प्रमुखों से एनपीए और उसकी रिकवरी के लिए उठाए गए कदमों पर बातचीत करेंगे। सूत्रों के अनुसार, फाइनेंशियल परफार्मेंस रिव्यू के अलावा जेटली स्ट्रेस्ड एसेट्स और बैलेंसशीट्स को साफ करने के लिए उठाए गए उपायों की भी समीक्षा करेंगे ताकि […]


Arun-jaitley3-iansफाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली 12 जून को सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगे। जेटली बैंक प्रमुखों से एनपीए और उसकी रिकवरी के लिए उठाए गए कदमों पर बातचीत करेंगे।

सूत्रों के अनुसार, फाइनेंशियल परफार्मेंस रिव्यू के अलावा जेटली स्ट्रेस्ड एसेट्स और बैलेंसशीट्स को साफ करने के लिए उठाए गए उपायों की भी समीक्षा करेंगे ताकि बैंक लेंडिंग शुरू कर सके।

जेटली इस दौरान जनधन, मुद्रा योजना और डिजिटल पेमेंट के प्रमोशन की परफार्मेंस की भी रिपोर्ट लेंगे। यह मीटिंग इसलिए अहम है क्योंकि बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 के संशोधन के लिए लाए गए अध्यादेश के लागू होने के बाद पहली बार हो रही है। पिछले महीने सरकार यह अध्यादेश लाई।

पावर, स्टील, रोड इन्फ्रा में सबसे जयादा NPA

सूत्रों के अनुसार, सरकारी बैंकों का एनपीए 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पावर, स्टील, रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्सटाइल्स सेक्टर की है।

12 जून को होने वाली मीटिंग में एनपीए के मौजूदा स्टेटस और ज्वाइंट लेंडर फोरम (जेएलएफ) के समक्ष लंबित मामलों पर चर्चा होगी।

इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा

सूत्रों के अलावा, सरकारी बैंक प्रमुखों के साथ मीटिंग में जेटली एनपीए रिकवरी, टर्नअराउंड प्लान और अलग-अलग बैंकों के महत्वाकांक्षी टारगेट पर चर्चा करेंगे।

स्टॉक कीमतों में सुधार के लिए सरकारी बैंक मार्केट से फंड उठाने और इंद्रधनुष प्लान के तहत कैपिटल इन्फ्लो करने के लिए सरकारी खजाने पर दबाव कम करने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी।

इंद्रधनुष स्कीम के तहत सरकारी बैंकों को मार्केट से 1.10 लाख करोड़ रुपए जुटाने की जरूरत है। इसमें एफपीओ भी शामिल है। बैंकों को बेसल-3 मानकों के तहत मार्च 2019 तक यह रकम जुटानी है।

मीटिंग में जेटली एजुकेशन और हाउसिंग में ग्रोथ, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की भी परफार्मेंस रिपोर्ट लेंगे।

एजेंडे में स्टैंड अप इंडिया और डिजिटल पेमेंट के प्रमोशन की स्थिति की भी समीक्षा की जाएगी।

अध्यादेश से RBI को मिली है पावर

बैंकिंग अध्यादेश से सरकार ने आरबीआई को बैड लोन की रिकवरी के लिए इन्सॉलवेंसी की प्रक्रिया शुरू करने के बारे में बैंकों से जवाब-तलब करने का अधिकार दिया है।

आरबीआई ने एनपीए से जुड़े नॉर्म्स में भी कुछ बदलाव किए हैं और बैंकों को चेतावनी भी दी कि समय पर एनपीए का हल नहीं निकालने पर पेनल्टी लग सकती है।

9 महीने में 1 लाख करोड़ बढ़ा एनपीए

आरबीआई के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2017 के दौरान बैंकों का एनपीए 1 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपए हो गया।

सरकारी बैंकों का ग्रॉस एनपीए मार्च 2016 तक दोगुना होकर 5.02 लाख करोड़ रुपए हो गया। मार्च 2016 तक यह 2.67 लाख करोड़ रुपए था।

Source: Money Bhaskar

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