पश्चिमी बंगाल: MSME मंत्रालय का उद्योग विभाग में विलय


ऋण के बोझ तले दबी ममता बनर्जी सरकार अब विभागों को कम कर खर्च में कटौती कर रही हैं। 3 फरवरी को राज्य कैबिनेट की बैठक में कुछ और विभागों के विलय पर मुहर लगा दी गई। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का उद्योग विभाग के साथ विलय करने का निर्णय प्रमुख है। […]


mamata-banerjeeऋण के बोझ तले दबी ममता बनर्जी सरकार अब विभागों को कम कर खर्च में कटौती कर रही हैं।

3 फरवरी को राज्य कैबिनेट की बैठक में कुछ और विभागों के विलय पर मुहर लगा दी गई। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का उद्योग विभाग के साथ विलय करने का निर्णय प्रमुख है।

इससे पहले ममता ने 21 विभागों का विलय कर दस नया विभाग तैयार कराया है। वहीं राज्य सरकार की परिवहन निगमों को भी एक छत के नीचे लाया गया है। हालांकि, कर्मचारियों की छंटनी नहीं की गई है।

शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि एमएसएमई अब उद्योग विभाग के अधीन होगा। यह अलग विभाग नहीं होगा।

बैठक के बाद एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि बेहतर कामकाज और प्रशासनिक दक्षता के लिए यह निर्णय लिया गया है। इससे पहले ममता ने बीते वर्ष दिसंबर में 21 सरकारी विभागों को मिलाकर 10 नए विभाग तैयार किया था।

सूत्रों के मुताबिक वहीं कैबिनेट में एमएसएमई विभाग के अधीन रेशम निदेशालय को कृषि विभाग के साथ विलय करने का निर्णय किया गया।

लेदर कांप्लेक्स थाने का कोलकाता पुलिस के अंतर्गत लाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई।

कैबिनेट ने विधायकों के वेतन में 5 हजार रुपये बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी। विधायकों का वेतन बढ़ाने पर सरकार ने पहले ही विचार किया था।

Source: Jagran.com

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