मध्य प्रदेश: उद्योग जगत की तस्वीर बदलने को तैयार महाकौशल, इंडस्ट्रियल कॉरीडोर से बड़ा फ़ायदा


भोपाल: प्रदेश के युवाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए एमएसएमई विभाग द्वारा जल्द ही वेबसाइट पर जानकारी देगा कि कौन से उद्यम लगाए जा सकते हैं। इसके लिए युवाओं को उद्योग एवं व्यापार केंद्रों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वे सीधे प्रोजेक्ट्स रिपोर्ट वेबसाइट से अपलोड कर सकेंगे। उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने […]


MSME sectors in Bengalभोपाल: प्रदेश के युवाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए एमएसएमई विभाग द्वारा जल्द ही वेबसाइट पर जानकारी देगा कि कौन से उद्यम लगाए जा सकते हैं। इसके लिए युवाओं को उद्योग एवं व्यापार केंद्रों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वे सीधे प्रोजेक्ट्स रिपोर्ट वेबसाइट से अपलोड कर सकेंगे।

उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कान्क्लेव का शुभारंभ करते हुए कहा था कि महाकौशल में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। इसके मद्देनजर राज्य शासन ने जबलपुर, कटनी, सतना, रीवा, बनारस और सोनभद्र तक इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है।

राज्यमंत्री संजय पाठक ने कटनी में इंडस्ट्रियल कान्क्लेव के दूसरे दिन इसमें शामिल हुए युवा उद्यमियों से कहा कि डंपर, हाईवा लेना उद्योग नहीं है। कुछ अलग करने की सोचें। युवा उद्यमी बायोडेटा नहीं बल्कि प्रोजेक्ट रिपोर्ट लेकर निकलें और प्रदेश में उद्योग लगाएं।

100 इंडस्ट्रियल यूनिट 500 इंटरप्रिन्योर साथ

कटनी इंडस्ट्रियल कान्क्लेव में 500 से अधिक इंटरप्रिन्योर शामिल हुए। इसमें कटनी से बाहर की 100 औद्योगिक इकाइयां तथा प्रदेश के बाहर की 30 इकाइयां शामिल हुईं। कान्क्लेव में 200 बिजनेस मैन टू बिजनेस मैन मीटिंग हुईं और 500 बायर्स सेलर्स मीटिंग हुईं। 22 एमएसएमई यूनिट्सने वेंडर डेवलपमेंट पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन कराया और 4 एंकेर यूनिट्स ने ग्रे आयरन फाउंड्री, आर्डिनेंस फैक्ट्री कटनी, एलएंडटी तथा भारत फोर्ज ने भी अपना पंजीयन कराया है।

कान्क्लेव में 40 औद्योगिक इकाइयों द्वारा स्टाल लगाए गए। इसमें भेल, क्वालिटी एश्योरेंस स्टेबलिशमेंट, कैल्ड्रीज रिफैक्ट्रीज, सिक्योरिटी पेपर मिल होशंगाबाद, जेके सीमेंट,डब्ल्यूसीआर, आईडीबीआई, नाबार्ड, अल्ट्राटेक सीमेंट और डालमिया रिफैक्ट्रीज ने भी यहां अपने स्टाल लगाए हैं।

औद्योगिक संसाधनों से भरपूर कटनी को उद्योगों की सफलता में आगे ले जाने का जिक्र करते हुए पाठक ने कहा कि यहां मौजूद संसाधनों का उपयोग उद्योगपति कर सकते हैं। इसके पहले राज्य मंत्री पाठक ने इस दौरान हर दो साल में इंडस्ट्रियल कान्क्लेव का आयोजन करने की बात कही थी।

Source: PradeshToday.com

No Comments Yet

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>


*