सरकार लम्बे समय से देश में एक कर व्यवस्था लागू करने पर जोर दे रही है। अपनी इस पहल को सफल बनाने के मकसद से उसने वस्तु एवं सेवा कर( जीएसटी) को आगामी 1 जुलाई को पूरे देश में लागू करने की योजना बनाई है।
लेकिन व्यापारियों को अभी तक जीएसटी की संपूर्ण जानाकारी नहीं है। व्यापारियों का कहना है कि इस बिल में कई ऐसे नियम हैं जो उनकी समझ से परे हैं।
व्यापारियों की जीएसटी संबधी परेशानियों को दूर करने व जीएसटी की पहेली को समझाने के उद्देश्य से एमएसएमई मंत्रालय और चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से गुना में जीएसटी के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार में इंदौर के जीएसटी विशेषज्ञ समर कान्थल व अर्पित जैन ने जीएसटी बिल के बारे में संक्षेप में लोगों को समझया। और कहा कि जीएसटी बिल तीन प्रकार के टैक्स (सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी तथा वर्तमान में केंद्र द्वारा लगाया जाने वाला इन्डायरेक्ट टैक्स) की जगह लेगा।
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद सभी स्टेट द्वारा रोपित वेट, एंट्री, वेल्थ टैक्स समाप्त हो जाएंगे। यह नयी कर प्रणाली अंतर्राज्यीय स्तर के व्यापार पर भी लागू होगी।
सेमीनार में बताया गया कि व्यापारियों को हर महीने तीन रिटर्न भरने होंगे और माह में तीन बार जीएसटी पोर्टल अपडेट करना होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएसएमई असिस्टेंट डायरेक्टर आर के भार्गव ने कहा कि सरकार व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए तमाम आयोजन कराती है। और उनकी सुविधाओं का भी ध्यान रखती है।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों के पास सरकार द्वारा शुरु की गयी योजनाओं की समुचित जानकारी नहीं होने के कारण वे उनका लाभ नहीं उठा पाते हैं। सरकार व्यापारी संगठनों के साथ मिलकर इस तरह के कार्यक्रम कर रही है।
कार्यक्रम का संचालन व्यावसायी गुलशन डाबर द्वारा किया गया। आयोजन में टैक्स की नई धाराओं की जानकारी दी गयी। विशेषज्ञों ने कही कि जीएसटी लागू होने के बाद उत्पादों का मूल्य कम हो जाएगा, और मप्र जैसे राज्य के व्यापारियों को अन्य राज्य में टैक्स कम होने की वजह से इस बिल के लागू होने के बाद नुकसान नहीं होगा।