चेन्नई: लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) साल 2019 तक मुख्य व्यवसायी क्षेत्रों की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए अपनी ॠण नीति में सुधार करेगी। अभी तक बैंक की लोन नीति में खुदरा, एसएमई और कृषि की 55 फीसदी हिस्सेदारी थी। जो लगभग 20,069 करोड़ है जिसमें कॉरपोरेट सेगमेंट की गणना शामिल नहीं है।
चूँकि एमएसएमई और खुदरा क्षेत्र के लिए बैंक बेहतर सूविधा पेश करेगी अर्थात इस सेगमेंट में ज्यादा ऋण दिया जायेगा। इसीलिए बैंक इस क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से अपनी क्रेडिट देने की प्रणाली में आने वाले तीन सालों में वृद्दि दर को 23 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है।
बैंक कार्यकारी निर्देशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, “हम रिटेल, एसएमई और कृषि सेक्टर के लिए क्रेडिट बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। जिसके लिए हम कॉर्पोरेट सेक्टर की तरफ कम फोकस करेंगे। इसके फलस्वरूप अगले तीन सालों तक इस क्षेत्र को कर्ज देने की सीमा 25 प्रतिशत ही रहेगी। बाकी हमारा पूरा ध्यान एमएसएमई क्षेत्र को ज्यादा कर्ज देने की तरफ रहेगा।”
LVB ने इसके लिए उपभोक्ता बैंकिंग (Consumer Banking) के लिए शीर्ष स्तर के लोगों को काम पर रखा है। जिससे बैंक में अलग खुदरा ऋण समूह के गठन के साथ-साथ लोन देने की प्रणाली में बढ़त्तरी हो।
वेंकटेश ने कहा कि हम एसएमई के क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए रिलेशनशिप मैनेजर को भी रख रहें हैं जो पूरी क्रेडिट प्रक्रियाओं की देख रेख कर रहें हैं।
उन्होंने आगे कहा, “एसएमई क्रेडिट 11 क्षेत्रीय कार्यालयों से दिया जाएगा औए अगर बड़ी राशि लोन के रूप में एसएमई को दी जा रही है तो हेड ऑफिस से बात करनी होगी।”
बैंक के ग्रोथ रेट पर वेंकटेश ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में बैंक का क्रेडिट ग्रोथ रेट 12 से लेकर 13 फीसदी है प्रोजेक्ट इंडस्ट्री के लिए यह 8 से 9 प्रतिशत है।