GST: जीएसटी का क्रियान्वयन उद्योगों के लिए चुनौती, कुछ तिमाहियों के लिए जुर्माने के प्रावधान में ढील दे सरकार : एसोचैम


वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का एक जुलाई से क्रियान्वयन उद्योग के लिए चुनौती है। उद्योग मंडल एसोचैम का मानना है कि सरकार को कुछ तिमाहियों के लिए जुर्माने के प्रावधान में ढील देनी चाहिए, जिससे लोगों को इस नई कर व्यवस्था के अनुपालन में मदद मिल सकेगी। सरकार जीएसटी को एक जुलाई से लागू […]


ASSOCHAMवस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का एक जुलाई से क्रियान्वयन उद्योग के लिए चुनौती है। उद्योग मंडल एसोचैम का मानना है कि सरकार को कुछ तिमाहियों के लिए जुर्माने के प्रावधान में ढील देनी चाहिए, जिससे लोगों को इस नई कर व्यवस्था के अनुपालन में मदद मिल सकेगी।

सरकार जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने के लिए रातदिन काम कर रही है। इसके अलावा व्यापारियों और उद्योग को इसके बारे में जागरूक करने को कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।

एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जजोदिया ने एक साक्षात्कार में कहा कि जीएसटी को एक जुलाई से लागू करना उद्योग के लिए निश्चित रूप से एक चुनौती होगा। लोग गलतियां कर सकते हैं। मेरा मानना है कि विभाग को पहली एक दो तिमाहियों तक इसको लेकर नरम रुख अख्तियार करना चाहिए, क्योंकि यह सीखने की प्रक्रिया होगी।

उन्होंने कहा कि यदि पूरे साल के लिए संभव न हो तो कम से कम एक या दो तिमाहियों तक जुर्माना प्रावधान में छूट दी जानी चाहिए।

जीएसटी कानून में विभिन्न अपराधों के लिए कम से कम 21 प्रकार के जुर्मानों का प्रावधान है। कम भुगतान मामले में बकाया कर पर 10 प्रतिशत का जुर्माना लगेगा। यह अधिकतम 10,000 रुपए होगा।

विभिन्न प्रकार की अन्य गलतियों के लिए बकाया कर पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगेगा।

जजोदिया मोनेट इस्पात एंड एनर्जी लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक भी हैं। जीएसटी के इस्पात क्षेत्र पर प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि बहुत अंतर पड़ेगा। अभी इसका निश्चित रूप से कुछ भी नकारात्मक नहीं है। वहीं कच्चे माल मसलन अयस्क और कोयले की कीमतों को लेकर स्थिति सकारात्मक होगी। इनकी कीमतें घटेंगी।

इस बीच, एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी को लागू करने के बाद सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की वृद्धि दर में 0.4 प्रतिशत का इजाफा होगा, जो पूर्व में लगाए गए अनुमान से कम है।

एचएसीबीसी का कहना है कि अभी तक जो कई कर दरें और छूट घोषित की गई हैं, जो एक उचित ढांचे से दूर है। इससे वृद्धि और सुधार प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी से मुद्रास्फीति उपर की ओर नहीं जाएगी।

एचएसबीसी ने कहा कि सरकार ने कई दरों वाला कर ढांचा पेश किया है। उचित स्थिति एकल दर वाला जएसटी होता जिसमें रियायतें होतीं।

Source: Samacharjagat.com

No Comments Yet

Comments are closed