ऑल इंडिया टैक्स एडवोकेट फोरम (एआईटीएएफ) ने सरकार से मांग की है कि नए वस्तु एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) व्यवस्था के अंतर्गत मूल्यांकन के आधार पर उपलब्ध कराए गए विवरणों की गोपनीयता को वह सुनिश्चित करें।
एआईटीएएफ के अध्यक्ष एम के गांधी ने कहा है कि जीएसटी नियम तैयार करते समय, नए कर प्रणाली के तहत टैक्स के लिए रिकॉर्ड, खातों, रिटर्न और बयान जैसे करदाताओं की ओर से प्रदान की गई जानकारी की पर्याप्त सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए और इस तरह की जानकारी के बाहर आने या चोरी होने पर कड़े दंड प्रावधान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि करदाताओं की जानकारी के संरक्षण के लिए इस तरह के प्रावधान पहले से ही डीवीएटी अधिनियम में मौजूद हैं।
वर्तमान दिल्ली वैल्यू एडेड टैक्स (डीवीएटी) अधिनियम के तहत किसी भी वक्तव्य में निहित सभी विवरण, रिटर्न प्रस्तुत या खाता या इस अधिनियम के अनुसार उत्पादन दस्तावेज को गोपनीय माना जा रहा है।