रिजर्व बैंक आफ इंड़िया ने आज चालू वित्त वर्ष की आखिरी मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश की। इसमें रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
इसके साथ ही मुद्रास्फीति के रुझान और कालेधन का आर्थिक ग्रोथ पर क्या प्रभाव पड़ रहा है का चुनाव करने की प्रतीक्षा करनी होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी के दाम घटने और बढ़ने के संभावना के चलते रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती नहीं की है।
हालांकि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने यह पहले ही साफ़ कर दिया था कि कर्ज दर के कम होने के कारण रेपो रेट में कटौती की उम्मीद ना की जाए।
सेविंग अकाउंट से रुपये निकालने की सीमा 20 फरवरी से बढ़ाकर 50 हजार कर दी जाएगी और 13 मार्च के बाद पाबंदी खत्म कर दी जाएगी।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2017 के लिए ग्रोथ अनुमान 7.1 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी रखा है। आरबीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2018 में जीडीपी ग्रोथ तेजी से वृद्धि की संभावना है।
आरबीआई ने कहा है कि जनवरी-मार्च तक महंगाई दर 5 फीसदी से कम रह सकती है।
इसी साथ ही पॉलिसी में आरबीआई ने विकास दर के अनुमान मे कटौती की है नोटबंदी से पहले विकास दर का अनुमान 7.6 फीसदी बताया था। जिसे दिसंबर की क्रेडिट पॉलिसी में घटाकर 7.1 फीसदी किया गया था।
रिजर्व बैंक ने साइबर सिक्युरिटी पर एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी ऑनलाइल फ्रॉड रोकने के लिए बताएगी। नोटबंदी के बढ़ते कैश के कम इस्तेमाल और बढ़ते डिजिटल पेमेंट्स की वजह से आरबीआई के इस कदम को अहम माना जा रहा है।