झारखंड: विधानसभा में पारित हुआ जीएसटी विधेयक, ये हैं खास प्रावधान!


झारखंड विधानसभा में 27 अप्रैल को वस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी जीएसटी बिल पारित हो गया.  बिल को सदन के पटल पर मंत्री सीपी सिंह ने रखा. सीपी सिंह ने कहा कि जीएसटी से लघु व्यापारियों को लाभ होगा. जीएसटी को आजाद भारत का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया जा रहा है. इससे पूरे देश के कारोबार स्वरूप व टैक्स प्रणाली में […]


GST_cubes_jpgझारखंड विधानसभा में 27 अप्रैल को वस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी जीएसटी बिल पारित हो गया.  बिल को सदन के पटल पर मंत्री सीपी सिंह ने रखा. सीपी सिंह ने कहा कि जीएसटी से लघु व्यापारियों को लाभ होगा.

जीएसटी को आजाद भारत का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया जा रहा है. इससे पूरे देश के कारोबार स्वरूप व टैक्स प्रणाली में बदलाव अायेगा. जाहिर है झारखंड भी इससे प्रभावित होगा. ऐसे में झारखंड विधानसभा में आज पारित हुए वस्तु एवं सेवा कर विधेयक के अहम प्रावधानों के ये हैं अहम बिंदु :

पेट्रोल, डीजल, कच्चा तेल, एलपीजी, शराब जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगा. जीएसटी परिषद की अनुशंसा के बिना इस पर कर नहीं लगाया जायेगा.

इलेक्ट्रानिक्स कॉमर्स के माध्यम से मंगाये जाने वाले माल व सेवाओं पर उपभोक्ता कर राज्य सरकार द्वारा लगाया जा सकेगा, जो अभी तक संभव नहीं पाया है.

50 लाख की सीमा तक बिक्री करने वाले छोटे कारोबारियों के लिए कंपाउंडिंग की व्यवस्था की गयी है, जिसके अनुसार, उन्हें इस व्यवस्था के विस्तृत प्रावधानों के पालन की जरूरत नहीं होगी.

पूरे देश में समान रूप से कर की विमुक्ति भी की जा सकेगी.

माल और सेवा के राज्य में आपूर्ति करने पर व्यवसायी को उस माल-सेवा पूर्व में चुकाये गये कर का सामंजस्य प्राप्त करना होगा. इससे छद्म खरीद-बिक्री पर राेक लगेगी.

विधेयक में निबंधन की सीमा को 20 लाख रुपया रखे जाने का प्रावधान है, वर्तमान में यह सीमा 10 लाख रुपये है.

निबंधन की कार्रवाई सीधे इलेक्ट्रानिक पोर्टल पर की जानी है.

ऐसी व्यवस्था भी प्रस्तावित है कि केवल कर मुक्त माल-सेवा की आपूर्ति करने वाला व्यक्ति निबंधन लेने के लिए बाध्य नहीं होगा.

भूमि पर खेती करने वाले के लिए निबंधन की जरूरत नहीं है.

विधेयक के अंतर्गत पहली बार इ-पेमेंट के अतिरिक्त एनइएफटी व आरटीजीएस, डेबिट-क्रेडिट कार्ड से कर भुगतान की व्यवस्था है.

किसी भी प्रकार की कर वापसी के लिए 90 दिनों की सीमा तय है.

निर्यात किये जाने वाले वस्तु, सेवा को किसी भी प्रकार के कर के प्रभाव से अलग रखे जाने का प्रावधान है.

ऐसी वस्तु, सेवा पर किसी भी चरण में चुकाये गये कर के 90 प्रतिशत राशि की औपबंधिक वापसी   निर्यात के 90 दिन के पूर्व ही दिए जाने की व्यवस्था प्रस्तावित है.

स्वत: कर निर्धारण की व्यवस्था भी इसके तहत प्रस्तावित है.

राजस्व के दृष्टिकोण से बड़े कारोबारी का सिस्टम द्वारा चयन किया जायेगा. उनका विस्तृत लेखा-जोखा परीक्षण की व्यवस्था प्रस्तावित है. ताकि टैक्स चोरी रोकी जा सके.

Source: Prabhat Khabar

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