GST: सरकार लाएगी जीएसटी के लिए नया सॉफ्टवेयर, मोबाइल से ही जाएगी रिटर्न फाइल


नई दिल्ली। जैसे-जैसे गुड्स और सर्विस टैक्स की डेडलाइन नजदीक आ रही है। सरकार कारोबारियों की सहूलियत के लिए कई अहम कदम उठाने की तैयारी में है। इसी के तहत सरकार अब मोबाइल फ्रेंडली जीएसटी फाइलिंग सॉफ्टवेयर लॉन्च करने जा रही है। इससे कारोबारी चार्टेड अकाउंटेट की मदद के बिना भी ई-रिटर्न फाइल कर सकते […]


GSTनई दिल्ली। जैसे-जैसे गुड्स और सर्विस टैक्स की डेडलाइन नजदीक आ रही है। सरकार कारोबारियों की सहूलियत के लिए कई अहम कदम उठाने की तैयारी में है।

इसी के तहत सरकार अब मोबाइल फ्रेंडली जीएसटी फाइलिंग सॉफ्टवेयर लॉन्च करने जा रही है। इससे कारोबारी चार्टेड अकाउंटेट की मदद के बिना भी ई-रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इस बात की जानकारी रेवेन्यू सेक्रेटरी हंसमुख अढिया ने मीडिया को दिए फेसबुक लाइव में दी है।

सरकार जल्द लाएगी सॉफ्टवेयर

रेवेन्यू सेक्रेटरी हंसमुख अढिया ने बताया कि सरकार जल्द ही जीएसटी सॉफ्टवेयर टूल लेकर आएगी। ये सॉफ्टवेयर टूल एक्सेल फॉरमेट और जावा लैंग्वेज में होगा। जिसे कारोबारी अपने कंप्यूटर और मोबाइल पर डाउनलोड कर सकेंगे। इस सॉफ्टवेयर टूल पर कारोबारी अपनी रिटर्न ऑनलाइन मोबाइल के जरिए भी फाइल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि ये सॉफ्टवेयर टूल जीएसटी लागू होने से पहले आ जाए।

लाख रुपए तक के टर्नओवर वाले करोबारी रहेंगे जीएसटी से बाहर

20 लाख रुपए से कम टर्नओवर वाले करोबारी जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे। अभी तक 10 लाख रुपए तक के टर्नओवर पर वैट में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता था। अब जीएसटी में ये ये दायरा बढ़ा दिया गया है और 20 लाख रुपए तक के टर्नओवर वाले करोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे।

कंपोजिट स्कीम का उठाए फायदा

20 लाख रुपए से अधिक और 50 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी जीएसटी में आने वाली कंपोजिट स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। कंपोजिट इस्कीम के तहत टैक्स रेट कम है। इसका फायदा ट्रेडर, मैन्युफैक्चरर, एमएसएमई और रेस्त्रां मालिक उठा सकते हैं।

इसके तहत 50 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर वाले ट्रेडर, मैन्युफैक्चरर, एमएसएमई कारोबारी को 2 फीसदी और रेस्त्रां मालिक 5 फीसदी टैक्स चुकाना होगा।

कंपोजिट स्कीम के तहत कारोबारी अपने ट्रेडिंग और मैन्युफैक्चरिंग दो अलग कारोबार को जोड़कर भी टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं लेकिन दोनों कारोबारी का टर्नओवर 50 लाख से कम होना चाहिए।

हालांकि, कंपोजिट स्कीम के तहत आपको इन्पुट टैक्स क्रेडिट का बेनेफिट नहीं मिलेगा।

इन्वॉइस नहीं कराने होंगे जमा

ट्रेडर्स को बी2सी के तहत अपने सभी इन्वॉइस अपलोड नहीं करने होंगे। उन्हें केवल कस्टमर इन्वॉइस की डिटेल देनी होगी। बी2बी के तहत ट्रेडर को इन्वॉइस के डिटेल एक्सेल शीट में बनानी होगी और एक्सल शीट ही अपलोड करनी होगी।

जीएसटी में मिलेगा वैट रिफंड  

कारोबारियों को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन कराने से कारोबारी वैट रिफंड और इन्पुट क्रेडिट का फायदा उठा सकें। जब 1 जुलाई 2017 को जीएसटी को जीएसटी लागू होगा, तो वैट रिफंड और इन्पुट क्रेडिट का बैलेंस ऑटोमेटिकली अकाउंट में शो होगा।

जीएसटी के बाहर प्रोडक्ट पर पहले जैसे लगेगा टैक्स  

जीएसटी से बाहर रहने वाले प्रोडक्ट पहले की तरह ही टैक्स लगेगा। इस केटेगरी में ज्यादातर पेट्रोलियम प्रोडक्ट और एल्कोहल जैसे प्रोडक्ट शामिल है।

Source: Money Bhaskar

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