वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) के अमल को आसान बनाने में देश भर में फैले कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) भी अहम भूमिका निभाएंगे। खासतौर पर ये सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में फैले छोटे कारोबारियों और लघु उद्यमियों को जीएसटी में पंजीकरण से लेकर सभी तरह की ऑनलाइन प्रक्रिया में मदद करेंगे।
जल्दी ही वित्त मंत्रालय की तरफ से सीएससी को प्रशिक्षण देना शुरू किया जाएगा।
देश भर में चल रहे करीब ढाई लाख सीएससी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन आते हैं। 3 मई को आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सीएससी की समीक्षा बैठक ली।
सूत्रों ने बताया कि इसी बैठक में तय हुआ कि जीएसटी के प्रचार प्रसार से लेकर कारोबारियों की मदद में ये सीएससी अहम भूमिका निभा सकते हैं। बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी सचिव और सीएससी प्रमुख भी शामिल थे। सूत्र बताते हैं कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने सीएससी को जीएसटी के प्रचार-प्रसार और लोगों की मदद की तैयारी करने को कहा है।
जीएसटी को लोकप्रिय बनाने और कारोबारियों की मदद के लिए सीएससी के चयन में सबसे महत्वपूर्ण है उसका संचालन करने वाले लोगों का कंप्यूटर प्रशिक्षित होना। माना जा रहा है कि ये लोग खुद ट्रेनिंग मिलने के बाद न केवल कारोबारियों को रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन फार्म आदि भरने में मदद कर सकेंगे बल्कि कारोबारियों को आगे चलकर बिलिंग करने, इनवॉइस बनाने जैसे कामों का प्रशिक्षण भी दे सकेंगे।
नोटबंदी के दौरान लोगों को डिजिटल भुगतान का प्रशिक्षण देने के मामले में भी सीएससी ने काफी सराहनीय काम किया है।
सूत्र बताते हैं कि जल्दी ही राजस्व विभाग का जीएसटी डिवीजन सभी सीएससी की ट्रेनिंग का काम शुरू कर देगा। ज्यादातर सीएससी ग्रामीण क्षेत्रों में दूरदराज के इलाकों में होने के चलते इन क्षेत्रों के कारोबारियों को जीएसटी के दायरे में लाना आसान हो जाएगा। बैठक में इस संभावना पर भी चर्चा हुई कि सीएससी खुद कारोबारियों को जीएसटी से संबंधित सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। उनके खातों का रखरखाव कर सकते हैं और उनके रिटर्न आदि भरने की सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
हालांकि सरकार जीएसटी की बारीकियों को समझाने के लिए खुद कई कार्यक्रम चला रही है। राजस्व विभाग के अधिकारी देश भर में घूम-घूमकर कारोबारियों को न केवल जीएसटी के लाभ बता रहे हैं बल्कि उन्हें प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। इस क्रम में सीएससी की भागीदारी काफी अहम साबित होगी।
सैप लांच करेगी सरल जीएसटी सोल्यूशन
मुंबई, आइएएनएस। रिलायंस कॉरपोरेट आइटी पार्क (आरसीआइटीपीएल) ने कहा है कि उसने एंटरप्राइज एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कंपनी सैप एसई के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत करदाताओं के लिए सरल जीएसटी सोल्यूशन लांच किया जाएगा।
कंपनी के अनुसार इससे व्यापारियों को जीएसटी का अनुपालन करने और सरकार के जीएसटी सिस्टम से जुड़ने में आसानी होगी। एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद आरसीआइटीपीएल जीएसटी सुविधा प्रोवाइडर की भूमिका निभाएगी जबकि सैप एप्लीकेशन सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर काम करेगी।
राजस्व विभाग पर काम का बोझ घटेगा
नई दिल्ली, प्रेट्र। एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व विभाग पर काम का दबाव थोड़ा कम होगा क्योंकि उसे सिगरेट निर्माता की उत्पादन इकाई में हर समय वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती अनिवार्य रूप से नहीं करनी होगी। हालांकि जीएसटी के नियम के मुताबिक फैक्ट्री से माल की निकासी के समय कर अधिकारियों की मौजूदा अनिवार्य बनी रहेगी। जिससे अधिकारी माल की निकासी और टैक्स का आंकलन कर सकें और इन्वॉइस पर हस्ताक्षर कर सकें।
Source: Jagran.com