GST: MSMEs के लिए ‘जीएसटी सुविधा’ की पेशकश, बिल से जुड़ी सेवाएं मिलेंगी


देश में एक जुलाई से एक समान अप्रत्यक्ष कर तंत्र वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को लागू करने की सरकार की तैयारियों के बीच कारोबारियों के लिए इससे जुड़ी फाइलिंगों को सरल बनाते हुए ‘जीएसटी सुविधा’ ने 20 लाख रुपए से 50 लाख रुपए का सालाना कारोबार करने वालों के लिए 2500 रुपए के शुल्क […]


GSTदेश में एक जुलाई से एक समान अप्रत्यक्ष कर तंत्र वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को लागू करने की सरकार की तैयारियों के बीच कारोबारियों के लिए इससे जुड़ी फाइलिंगों को सरल बनाते हुए ‘जीएसटी सुविधा’ ने 20 लाख रुपए से 50 लाख रुपए का सालाना कारोबार करने वालों के लिए 2500 रुपए के शुल्क में जीएसटी से जुड़ी सेवाएं देने की घोषणा की है।

जी.एस.टी. सुविधा एक स्टार्टअप कंपनी है जो कारोबारियों को सरल तरीके से जी.एस.टी. के लिए आवश्यक ऑनलाइन फाइलिंग करने में मदद करती है।

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्याम केडिया ने चर्चा में यह घोषणा करते हुए कहा कि जी.एस.टी. के लिए कारोबारियों को कई तरह के कागजात रखने पड़ेंगे और सभी को ऑनलाइन दर्ज करना ही होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए उनकी कंपनी ने कारोबारियों को हर तरह की सुविधा देने की पेशकश की है जिसमें कंपनी की वैबसाइट पर लॉगइन करने के बाद मात्र कुछ मिनट में ही सभी कागजी कार्रवाई पूरी की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि इसी काम को करने के लिए कई कंपनियां हजारों रुपए ले रही है जबकि उनकी कंपनी ने इसके लिए 2500 रुपए में सेवा देने की पेशकश की है।

उन्होंने कहा कि 20 लाख रुपए से लेकर 50 लाख रुपए तक के कारोबार करने वाले छोटे-छोटे कारोबारी जी.एस.टी. की बारीकियों से अवगत कराने के लिए उनकी कंपनी कार्यशालाएं भी आयोजित कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी की वैबसाइट जी.एस.टी.

रिफंड कराने में भी मदद करेगी और इसके लिए दूसरी वैबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि जब केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, बिक्री कर और वैट आदि के पंजीकरण के स्थान पर सिर्फ जी.एस.टी. को अपनाने के लिए सरकार ने कहा था तब उनकी कंपनी ने मात्र 499 रुपए में छोटे कारोबारियों को इससे जुड़ी सेवाएं दी थी।

केडिया ने कहा कि जी.एस.टी. के लागू होने पर कोई भी कारोबारी स्वयं को नहीं बचा पाएगा क्योंकि जहां से वह वस्तुओं की खरीद करेगा उसे भी इस खरीद से जुड़ी जानकारी जी.एस.टी. नैटवर्क पर अपलोड करनी होगी। उनकी कंपनी की वैबसाइट पर अपलोड किए जाने वाले डाटा ऑटोमेटेड जीएसटीएन वैबसाइट पर अपलोड हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि जो कारोबारी सिर्फ सलाह देना चाहते हैं उनको एक हजार रुपए के शुल्क का भुगतान करना होगा और ऑनलाइन सलाह दी जाएगी।

Source: PunjabKesari.in

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